Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>
yasin malik tihar jail: yasin malik jailed for life what judge said nia terror funding case,’बंदूक छोड़ दी लेकिन कभी … ‘यासीन मलिक को सजा देने वाले जज ने क्या कहा?


नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Kashmiri Separatist Yasin Malik) को उम्रकैद की सजा सुनाई। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में बुधवार को एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने (NIA Court) उम्रकैद की सजा सुनाई। मलिक का मुकदमा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह (NIA Judge Praveen Singh) की अदालत में चला। 56 वर्षीय यासीन मलिक को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणी की। न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन कर रहा। सजा सुनाते वक्त की गई टिप्पणी-

1- विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि उसने1994 में बंदूक छोड़ दी थी और उसके बाद उसे एक वैध राजनीतिक व्यक्ति के रूप में मान्यता दी गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि यह सही हो सकता है कि अपराधी ने वर्ष 1994 में बंदूक छोड़ दी हो, लेकिन उसने वर्ष 1994 से पहले की गई हिंसा के लिए कभी कोई खेद व्यक्त नहीं किया था।

2- दोषी के दावे पर कि वह अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन कर रहा था। न्यायाधीश ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया। बंदूक छोड़ने के बावजूद हिंसा में लिप्त था। वहीं गांधी जी ने चौरी चौरा में हिंसा की एक घटना के बाद असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।

Yasin Malik case: टेरर फंडिंग केस में फांसी से बचा यासीन मलिक, दो धाराओं में उम्रकैद, 4 में 10 साल की सजा
3- यासीन मलिक के किए गए अपराध बहुत गंभीर प्रकृति के थे। जम्मू-कश्मीर को भारत से जबरदस्ती अलग करने का इरादा था। न्यायाधीश ने कहा कि अपराधों की गंभीरता बढ़ गई क्योंकि राजनीतिक आंदोलन के पीछे विदेशी शक्तियों और नामित आतंकवादियों की सहायता और भागीदारी थी।

आतंकी यासीन मलिक को सजा मिलते ही पाकिस्तान के पेट में होने लगा दर्द, PM शहबाज शरीफ को भी आ रहा ‘रोना’
4- न्यायाधीश ने कहा सरकार के अच्छे इरादों के साथ विश्वासघात करते हुए उसने राजनीतिक संघर्ष की आड़ में हिंसा को अंजाम देने के लिए एक अलग रास्ता अपनाया। दोषी ने दावा किया कि शांतिपूर्ण अहिंसक संघर्ष का नेतृत्व कर रहा था। हालांकि, सबूत जिसके आधार पर आरोप तय किए गए थे और जिसने उसे दोषी ठहराया है, कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। अदालत ने जेकेएलएफ प्रमुख पर 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया।



Source link

By admin