पाकिस्तान की सांसद नाज बलोच ने यासीन मलिक (yasin malik) की सजा की खबर पर ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया। नाज बलोच ने लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र को मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। एक कदम और बढ़ते हुए बलोच ने यासीन मलिक को कश्मीर का वीर सपूत करार दिया और लिखा कि झूठे आरोप में सजा देना मानवता के खिलाफ है। यासीन मलिक की रिहाई की मांग तक कर डाली।
पाकिस्तान के पत्रकार हामिद मीर भी यासीन मलिक के समर्थन में बोल रहे हैं। हामिद मीर को यासीन मलिक और दूसरे कश्मीरी नेताओं पर आरोप झूठे लग रहे हैं। मीर ने लिखा है कि कश्मीरी नेता यासीन मलिक ने अदालत को बताया कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों का विरोध नहीं कर रहे हैं। कोर्ट उसे आतंकवादी घोषित करेगा।
यासीन मलिक का भी पाकिस्तान प्रेम किसी से छिपा नहीं है साल 2013 में यासीन मलिक और लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद दोनों पाकिस्तान में भूख हड़ताल पर बैठे। अफजल गुरु को फांसी दिए जाने विरोध में पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। भारत में इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। विवाद बढ़ने के बाद यासीन मलिक की ओर से कहा गया कि मैं पाकिस्तान आया था इस बीच अफजल गुरु के फांसी की खबर आई गई। मैंने इस्लामाबाद में प्रेस क्लब के सामने 24 घंटे की भूख हड़ताल का ऐलान किया।
25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपोरा में आतंकियों ने वायुसेना के जवानों पर हमला कर दिया। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। वायुसेना के जवान एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे तभी आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया था। यासीन मलिक ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था।