वो चार हफ्ते और शाहरुख खान
पिछले साल अक्टूबर का महीना याद कीजिए। पहले हफ्ते में 2-3 अक्टूबर को मीडिया के सारे कैमरे शाहरुख खान के घर और परिवार के लोगों पर जम गए थे। एनसीबी की टीम ने क्रूज शिप पर देर रात छापा मारा था और शाहरुख के बेटे आर्यन खान को पकड़ लिया था। कोर्ट में यह कहते हुए हिरासत बढ़ाने की मांग की गई कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह से कनेक्शन साबित करने वाला सबूत मिला है। खबरें ऐसे आने लगीं जैसे आर्यन बहुत बड़े ड्रग एजेंट हों। एक तरफ आर्यन और उनके परिवार की इमेज खराब हुई तो दूसरी तरफ NCB मुंबई के चीफ समीर वानखेड़े की छवि एक धाकड़ अधिकारी की बनी, जिसने शाहरुख के बेटे पर हाथ डालने जैसा बड़ा फैसला लिया। मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाद आर्यन की ओर से विशेष कोर्ट में जमानत की अर्जी डाली गई लेकिन खारिज हो गई।
मामला हाई कोर्ट पहुंचा। इस बीच, शाहरुख अपने बेटे से मिलने आर्थर रोड जाते हैं। दिनभर मीडिया में शाहरुख के बेटे की खबर छाई रहती है। गुमसुम शाहरुख की तस्वीर सामने आती है। कुछ ऐक्टर्स के बेटों से तुलनाएं भी शुरू हो गईं। अच्छा/खराब का कॉलम बांटकर अपने से सितारों के बेटे-बेटियों को रखा जाने लगा। टीवी डिबेट में शाहरुख पर सवाल उठाए जाने लगे। बाद में अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में आर्यन को जमानत मिल गई। किसी फिल्म के क्लाइमेक्स की तरह अभी कहानी में रोचकता बाकी थी। शाहरुख की फ्रेंड अभिनेत्री जूही चावला अदालत के सामने आर्यन की जमानतदार बनीं। 30 अक्टूबर की सुबह आर्यन खान जेल से रिहा होते हैं। 27 मई 2022 को कोर्ट में एनसीबी कहती है कि आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत ही नहीं है। मतलब अब शाहरुख के बेटे को क्लीन चिट मिल गई है।
वो दावे निकले हवा-हवाई
दावा- आर्यन और अरबाज दोनों एक ही मकसद से यात्रा कर रहे थे। खान ने अरबाज से ड्रग्स खरीदा था।
सच्चाई- NCB ने अब कहा है कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला। कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे अरबाज मर्चेंट के साथ किसी षड्यंत्र में आर्यन की संलिप्तता साबित हो।
दावा- पिछले साल 4 अक्टूबर को कोर्ट में कहा गया कि NCB को आर्यन के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह से कनेक्शन के सबूत मिले हैं। इसमें मोबाइल चैट और तस्वीरों की बात की गई।
सच्चाई- अरबाज ने कभी नहीं कहा कि उसके पास से मिला 6 ग्राम चरस आर्यन के लिए था। 6 नवंबर 2021 को अरबाज ने कहा कि आर्यन ने उसे आगाह किया था कि वह ड्रग्स क्रूज पर न लाए। कोई भी फोन चैट नहीं है जो इस केस में आर्यन का रोल साबित करता हो।
दो बड़े सबक
आर्यन की करीब चार हफ्ते की कस्टडी पर गौर करें तो दो प्रमुख बातें सामने आती हैं। पहला, आर्यन की एक ऐक्ट्रेस के साथ व्हाट्सएप बातचीत को दुर्भावनापूर्ण मंशा से मीडिया में लीक किया गया था। मंशा यह साबित करने की थी कि वह एक ड्रग तस्कर है। चार्जशीट के जरिए कथित सबूत कोर्ट में पहुंचने से पहले ही पब्लिक में इसे फैलाया गया। साफ है कि प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना मकसद था और जनता में आर्यन के खिलाफ एक राय बनाई गई। यह पूरी तरह से असंवैधानिक था। यह अपराध साबित होने से पहले आरोपी के अधिकारों और निजता का भी उल्लंघन था। मामले में अब उस अधिकारी के खिलाफ सघन जांच होनी चाहिए जो इन सबके लिए जिम्मेदार है। उसने आखिर गलत तरीके से आर्यन खान को फंसाने की कोशिश क्यों की। यह जांच और ऐक्शन इसलिए भी जरूरी है जिससे पुलिस या प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों को स्पष्ट संदेश जाए कि वही भगवान नहीं हैं। सस्ती लोकप्रियता या स्टंट के लिए किसी की इमेज खराब करने का अधिकार किसी को नहीं है।
आर्यन केस में दूसरा अहम पहलू कोर्ट को लेकर है। अगर आज NCB कह रही है कि आर्यन के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला था तो ये तो उसी दिन पता चल गया होगा। बेल न देने के पीछे स्पष्ट और अहम वजह होनी चाहिए। लेकिन उसे दो बार जमानत नहीं दी गई। पहले एक मजिस्ट्रेट कोर्ट और बाद में सेशन कोर्ट से। झूठ की इमारत तब भरभराकर गिर गई जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसे एनसीबी का ब्लफ करार दिया। वास्तव में कई मामलों में कस्टडी की जरूरत भी नहीं होती है। गिरफ्तार किए बगैर भी संदिग्ध से पूछताछ की जा सकती है।
वह अधिकारी, इन सबके लिए जिम्मेदार है
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) द्वारा आर्यन खान को क्लीन चिट देने के बाद केंद्रीय एजेंसी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर सीधेतौर पर सवाल उठे हैं। एनसीबी ने मुंबई कोर्ट में कहा कि उसने पर्याप्त सबूतों के अभाव में आरोपपत्र में आर्यन का नाम नहीं लिखा है। जबकि वानखेड़े के विशेष अभियान में आर्यन और 20 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े अक्सर खबरों में रहे। वह उस जांच दल का हिस्सा थे जिसने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ के एक मामले की जांच की थी।
वानखेड़े की टीम ने मादक पदार्थ जब्त करने के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया। बाद में कोर्ट ने यह कहते हुए समीर खान को जमानत दी कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है, जिसके बाद मलिक ने वानखेड़े पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। नवाब मलिक ने वानखेड़े पर आरोप लगाए कि उन्होंने आईआरएस अधिकारी की नौकरी पाने के लिए झूठा अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र दिया। विवादों के बीच वानखेड़े का एनसीबी के साथ कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया और उनका डीआरआई में तबादला कर दिया गया। अब केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय से एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ क्रूज शिप से मादक द्रव्य की बरामदगी मामले की कथित तौर पर लचर जांच करने के लिए कार्रवाई करने को कहा है।
आर्यन खान और उनके परिवार ने जो झोला, वो किसी और के साथ नहीं होना चाहिए।