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what is gyanvapi case: gyanvapi case how good aurangzeb was hindu lawyer challenges samajwadi party,’औरंगजेब कितना अच्छा था’ कोर्ट में आकर बताए समाजवादी पार्टी, हिंदू पक्ष के वकील ने दी जब चुनौती


नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) की सुनवाई किस प्रकार आगे बढ़ती है और इस पर क्या फैसला आता है यह देखने वाली बात होगी। वहीं इसको लेकर दोनों पक्षों की ओर से अपनी-अपनी दलीलें पेश की जा रही हैं। मामला कोर्ट में है वहीं राजनीतिक दल, इतिहासकारों की भी अलग-अलग राय है। ज्ञानवापी मामले पर निजी चैनल पर डिबेट के दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कुछ पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तो तोड़े लेकिन उनके पीछे कभी कोई धार्मिक कारण नहीं था। वहीं उससे कहीं अधिक मंदिरों को सुरक्षा प्रदान की। इस बात पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन (Advocate Vishnu Jain) ने कहा कि यही बात आशुतोष वर्मा और उनकी पार्टी कोर्ट में आकर कह दे और एफिडेविट दाखिल करे।

इतिहास की गलतियों को मौजूदा सरकार ठीक करने का प्रयास कर रही है तो वह निशाने पर क्यों है। आखिर उसमें गलती क्या है। इस सवाल के जवाब में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। इतिहास को समझना है। इतिहास को कैसे प्रचारित किया जाता है उसे समझना होगा। उन्होंने कुछ पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तो तोड़े लेकिन उनके पीछे कभी कोई धार्मिक कारण नहीं था। वहीं उससे कहीं अधिक मंदिरों को सुरक्षा प्रदान की।

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ज्ञानवापी क्या है मंदिर या मस्जिद इस सवाल के जवाब में आशुतोष वर्मा ने कहा कि यह मामला न्यायालय में है तो समाजवादी पार्टी,भारतीय जनता पार्टी इसको तय नहीं करने जा रही। विवादित है न्यायालय में है तो वह तय करेगा। इस डिबेट में हिंदू -मुस्लिम की बजाय न्यायिक पक्ष पर बात होनी चाहिए। हमें अपना पक्ष नहीं थोपना चाहिए।

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औरंगजेब ने इतने मंदिर बनवाए लेकिन ज्ञानवापी आप लोगों के निशाने पर है। कैसे साबित करेंगे कि 1991 का जो एक्ट है वो ज्ञानवापी पर लागू नहीं होता है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमने कोई इतिहास नहीं पढ़ा कि औरंगजेब ने मंदिर बनवाए। मैंने वो तो इतिहास पढ़ा कि जनेऊ जलाए गए, जजिया लगाया गया।

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औरंगजेब कैसे हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया वो इतिहास पढ़ा। विष्णु जैन ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट सेक्शन 4 में यह बात है कि जिस जगह का जो धार्मिक स्वरूप था वो तय होना बहुत जरूरी है। जो देवता की संपत्ति है वह रहेगी। 15 लोगों की गवाही है यह वक्फ प्रॉपर्टी नहीं है।

1937 में दीन मोहम्मद केस ने न्यायालय ने क्या कहा सबको पता है। विष्णु जैन ने उस मामले का पैरा पढ़ते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा है कि जगह वक्फ प्रॉपर्टी नहीं है। विष्णु जैन ने सपा प्रवक्ता से कहा कि जो वह बात यहां कह रहे हैं वही बात कोर्ट में आकर कहें। औरंगजेब कितना अच्छा था इस पर एफिडेविट दें।



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