6 से 7 घंटे कम हो जाएगा ट्रैवल टाइम
दिल्ली से वाराणसी की सड़क मार्ग से यात्रा 10 घंटे से कुछ ज्यादा वक्त में ही संभव हो गई है। पूर्वांचल, लखनऊ-आगरा और यमुना एक्स्प्रेसवे के कारण यह संभव हो सका है। अब अधिकारियों का कहना है कि 2026 तक वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे फर्राटे भरने के लिए तैयार हो जाएगा। एक बार इसका काम पूरा हो गया तो 690 किमी की दूरी घटकर 610 किमी रह जाएगी और यात्रा का समय 6 से 7 घंटे कम हो जाएग।
किन-किन शहरों को जोड़ेगा एक्स्प्रेसवे, देख लीजिए
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में सितंबर 2021 में मीटिंग हुई थी जिसमें वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को हरी झंडी मिली थी। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली से कोलकाता के बीच पड़ने वाले प्रमुख शहरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। यह एक्सप्रेसवे बिहार के मोहनिया, रोहतास, सासाराम, औरंगाबाद, गया जबकि झारखंड के चतरा, हजारीबाग, रांची, बोकारो, धनबाद, रामगढ़ और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदनीपुर, हुगली और हावड़ा से होकर गुजरेगा।
चंदौली में कर ली गई जमीन की पहचान
वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि एक्सप्रेसवे के लिए वाराणसी के पास चंदौली में जमीन के सीमांकन का शुरुआती काम हो गया है। हालांकि, अभी परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट आनी बांकी है। चंदौली डीएम को जल्द से जल्द यह रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। अभी वाराणसी से कोलकाता की ज्यादातर ट्रैफिक राष्ट्रीय राजमार्ग-19 (NH-19) (पुराना एनएच-2) से होकर जाती है।
चंदौली से शुरू, उलुबेरिया में मिलान
एनएच-19 स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral) का हिस्सा है। एनएच-19 का ज्यादातर हिस्सा छह लेन का और कुछ चार लेन का है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुताबिक, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे चंदौली जिले में वाराणसी रिंग रोड से शुरू होगा और हवाड़ा जिले के उलुबेरिया के पास एनएच-16 में मिल जाएगा।
मोदी सरकार में बिछ रहा सड़कों का जाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने देश में कनेक्टिविटी का काम काफी तेजी से आगे बढ़ाया है। सरकार में सड़क परिवहन विभाग के मंत्री नितिन गडकरी तो अपने काम-काज के लिए खासे लोकप्रिय हैं और मोदी मंत्रिमंडल के सबसे ज्यादा सराहे जाने वाले मंत्रियों में शुमार हैं। उनके नेतृत्व में देश में सड़कों का जाल बिछाने का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना पूरा होता दिख रहा है। अटल ने अपनी सरकार में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना शुरू की थी जिसे मोदी सरकार काफी संजीदगी से अंजाम तक पहुंचा रही है।