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uphaar tragedy neelam krishnamoorthy raised question on fire law in india aftre 25 year mundka fire latest news today : मंत्री के रोड एक्सिडेंट में मौत पर सड़क कानून बदल जाता, अग्निकांड से जुड़ा कानून क्यों नहीं बदलते, उपहार कांड पीड़ित मां का दर्द


नई दिल्ली : दिल्ली के मुंडका में एक कमर्शियल बिल्डिंग में आग लगने की घटना के बाद उपहार अग्निकांड की यादें ताजा हो गई हैं। उपहार हादसे में अपने दो बेटे गंवाने वाली और न्याय की लंबी लड़ाई लड़ने वाली नीलम कृष्णमूर्ति ने इस घटना के बाद देश में अग्निकांड से जुड़े कानूनों को लेकर सवाल उठाए हैं। उपहार अग्निकांड पीड़ित संघ नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा कि कल 13 तारीख थी और शुक्रवार का ही दिन। मैं पल पल की खबर देख रही थी और वही सारी चीजें मेरे सामने रिवाइव हो रही थीं, जो उपहार अग्निकांड के दौरान हुआ। नीलम ने कहा कि पूछो मत मुझ पर क्या गुजरी।

क्या मंत्री के अग्निकांड में मरने का इंतजार है
नीलम ने कहा कि हमारे देश में एक मंत्री की सड़क हादसे में मौत हो जाती है, तो सड़के के कानून बदल जाते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मौतें तो अग्निकांड में होती हैं, उसमें कानून क्यों नहीं बदलते। क्योंकि, वे साधारण लोग होते हैं। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव के लिए क्या किसी मंत्री के अग्निकांड में मरने की जरूरत है?

सबको पता है कि ऐसे (अग्निकांड) मामलों में 304 ए का मुकदमा दर्ज होगा जो जमानती है। इसीलिए लोगों में डर ही नहीं है। ऐसे हादसे नियमित जांच से ही टाले जा सकते हैं, पर दुर्भागय से हमारे फायद डिपार्टमेंट के पास पर्याप्त अधिकारी ही नहीं है। वहां आधे के लगभग पद खाली पड़े हैं।

नीलम कृष्णमूर्ति, अध्यक्ष, उपहार अग्निकांड पीड़ित संघ


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27 साल बाद भी नहीं बदली स्थिति
नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि 1997 के बाद से आज तक भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नहीं है, यह हमें तब पता चलता है जब उसमें आग लगने से कोई मर जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में डेटरेंस का न होना इस तरह के हादसों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।

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नीलम के दो बच्चों की हो गई थी मौत
13 जून 1997 को उपहार सिनेमाहॉल में फिल्म शो के दौरान आग लग गई थी। इस हादसे में नीलम के दो बच्चों उन्नति और उज्ज्वल की मौत हो गई थी। इस हादसे में अपने को खोने वाले 28 परिवार भी शामिल थे। नीलम ने उपहार अग्निकांड पीड़ित संघ बनाकर मामले में दोषियों को सजा दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। हाउसवाइफ रही नीलम ने इस हादसे के बाद न्याय की लिए ना सिर्फ लॉ के बारे में जाना बल्कि उपहार अग्निकांड में पीड़ित लोगों का एसोसिएशन भी बनाया। न्याय की लड़ाई में नीलम को कई बार धमकियों भी मिली लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इस लड़ाई में उनके पति शेखर कृष्णमूर्ति ने भी उनका पूरा साथ दिया।



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By admin