Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>
Ugc Fellowship For Single Girl Child and retired teachers: UGC news update: UGC


नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षक दिवस पर कई नई रिसर्च ग्रांट/ फेलोशिप स्कीम शुरू करने का फैसला किया है। सिंगल गर्ल चाइल्ड की शिक्षा को बढ़ावा देने और PhD कोर्स के दौरान वित्तीय सहायता देने के लिए भी स्कीम लाई जा रही है। रिटायरमेंट के बाद भी शिक्षकों के अनुभव का फायदा स्टूडेंट्स को मिलता रहे और वे रिसर्च से जुड़े रहें, इस मकसद को भी पूरा किया जा रहा है। यूजीसी के चेयरमैन प्रफेसर एम. जगदीश कुमार का कहना है कि देश में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने ये स्कीम तैयार की हैं। देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इसका फायदा मिलेगा। देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की पहचान उनके रिसर्च पर काम से हो, इसी को ध्यान में रखते हुए नई स्कीम लाई जा रही हैं। साइंस, इंजिनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी, ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंसेज में अडवांस स्टडीज और रिसर्च को इस स्कीम में शामिल किया गया है। साथ ही पीएचडी डिग्री पाने वाले जिन कैंडिडेट्स के पास रोजगार नहीं है, वे भी इस स्कीम से जुड़ सकते हैं।

​रिटायर्ड टीचर्स जुड़ेंगे रिसर्च से

इस स्कीम में रिटायर्ड टीचरों को 3 साल के लिए रिसर्च वर्क के लिए वित्तीय मदद मिलेगी। छह महीने में रिटायर होने वाले टीचरों को भी इसका फायदा मिलेगा। योजना के दायरे में 67 साल तक के रिटायर्ड टीचर आएंगे। वे अधिकतम तीन साल या 70 साल तक की उम्र तक इस स्कीम का फायदा उठा सकेंगे। इन्हें फेलोशिप के रूप में हर महीने 50 हजार रुपये मिलेंगे। कुछ एलिजिबिलिटी शर्ते तय की गई है जैसे टीचर ने कम से कम दस फुल टाइम कैंडिडेट्स की पीएचडी सुपरवाइज की है और उनमें से तीन ने पीएचडी की डिग्री हासिल की हो। साथ ही कम से कम तीन स्पांसर रिसर्च प्रोजेक्ट में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रहे हों।

​इन सर्विस टीचर्स के लिए भी स्कीम

यूनिवर्सिटी-कॉलेज में रेगुलर टीचर्स को रिसर्च के बेहतर अवसर मुहैया करवाएं जाएंगे। टीचर की कम से कम दस साल की सर्विस बची हो और आयु 50 साल तक हो। पांच फुल टाइम कैंडिडेट्स को पीएचडी करवाई हो। दो साल के लिए टीचर्स को वित्तीय मदद दी जाएगी और इस स्कीम के तहत दस लाख रुपये तक की मदद दी जा सकती है।

​नये नियुक्त होने वाले टीचर्स के लिए स्कीम

यूजीसी ने नये नियुक्त होने वाले टीचर्स के लिए डॉ. डी.एस. कोठारी रिसर्च ग्रांट स्कीम तैयार की है। रेगुलर असिस्टेंट प्रफेसर जिनके पास पांच रिसर्च पेपर के साथ पीएचडी डिग्री हो और यह स्कीम भी दो साल के लिए होगी। इसमें दस लास रुपये तक की वित्तीय मदद दी जा सकती है। इसके साथ ही डॉ. राधाकृष्णन यूजीसी पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप योजना भी लाई गई है। साइंस, इंजीनियरिंग, सोशल साइंस, इंडियन लैंग्वेंज में रिसर्च को बढ़ावा देने के मकसद के साथ यह योजना लाई गई है। विशेष बात यह है कि पीएचडी डिग्री हासिल करने वाले जिन कैंडिडेट्स के पास अभी रोजगार नहीं है, वे भी इस स्कीम में आवेदन कर सकते हैं। जनरल कैटिगरी के लिए 35 साल और रिजर्व कैटिगरी व महिलाओं के लिए आयु सीमा 40 साल है। पीजी में 55 पर्सेंट नंबर होने चाहिए। यह योजना तीन साल के लिए हैं और हर महीने 50 हजार रुपये की फेलोशिप दी जाएगी।

​यूजीसी का ई समाधान पोर्टल आज लॉन्च होगा

यूजीसी ने छात्रों की हर समस्या के जल्द समाधान के मकसद के साथ सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया है, जिसे शिक्षक दिवस के मौके पर लॉन्च किया जाएगा। यूजीसी ने अपने सभी पोर्टल और हेल्पलाइन (एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को छोड़कर) मर्ज करके एक नया पोर्टल यूजीसी ई समाधान तैयार किया है और इस एक पोर्टल के जरिए ही छात्र एडमिशन से लेकर स्कॉलरशिप की तमाम तरह की समस्याओं की शिकायत कर सकेंगे। ई समाधान – ऑनलाइन ग्रीवांस रजिस्टरिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है।



Source link

By admin