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हाइलाइट्स

  • आज से जनता के बीच पहुंचा ‘टाइम्स नाउ नवभारत’
  • टाइम्‍स ग्रुप के नए हिन्‍दी चैनल की धमाकेदार एंट्री
  • खोजी टीम ने मसूद अजहर का ढूंढ निकाला ठिकाना
  • पाकिस्‍तान के बहावलपुर में छिपा है जैश का सरगना

नई दिल्‍ली
टाइम्स ग्रुप के नए हिन्दी चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत‘ ने आते ही धूम मचा दी है। हमारे सहयोगी चैनल ने पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकवाद की फैक्‍ट्री का पर्दाफाश किया है। ‘टाइम्‍स नाउ नवभारत’ ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का ठिकाना दुनिया के सामने ला दिया। पाकिस्‍तान कहता है कि अजहर उसे मिल नहीं रहा मगर ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ ने खोजी पत्रकारिता के जरिए मसूद अजहर के बहावलपुर में दो ठिकानों की सारी डीटेल्‍स रखी हैं। इसकी सुरक्षा में पाकिस्‍तान के सुरक्षाकर्मी लगे हुए हैं। मसूद अपनी आतंकी फैक्‍ट्री यहीं से चलाता है।

बहावलपुर में छिपा बैठा अजहर पाकिस्तानी सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही सुविधाओं के मजे लूट रहा है। वह यहीं से पाकिस्‍तान की सरपरस्‍ती में भारत के खिलाफ आतंकी साजिश की योजनाएं बनाता हैं। यहीं से वह जेहाद के लिए टेरर टेप जारी करता है और जहरीले बोल बोलता है। धर्म के नाम पर युवाओं को बरगलाने वाला एक ऐसा ही ऑडियो टेप चैनल के हाथ लगा है।

(जेहाद पर मौलाना मसूद अजहर का कनफेशन )

‘इमाम बुखारी अल्लाह की तरफ से एक नेमत हैं। उन्होंने अपनी किताब सही-बुखारी में किताबुल जेहाद और किताबुल मगाजी के बारे में बहुत स्पष्ट रूप से फरमाया है। बुखारी शरीफ की किताबुल जेहाद मुफ्फसल और जामे (इक्कठा) भी है। इसमें जेहाद को बयान करने के दो तरीके हैं। एक तरीका ये है कि जेहाद को बयान करने के बाद उसके शब्द के मायने ठीक से समझाए जाएं। फिर जेहाद का हुक्म दिया जाए। दूसरा तरीका ये है कि जेहाद की मोहब्बत दिल में डाली जाए..और जेहाद को मोमिन का जोफ (आनंद) बना दिया जाए। और ये बात दिल में उतार दी जाए कि जेहाद से अल्ला ताला का कुर्ब (मोहब्बात) मिलेगा। ईमान की तकमील मिलेगी। और, अल्ला से वो रिश्ता कायम होगा..जो अम्बिया के रिश्ते के बाद सबसे ऊंचा रिश्ता है। इस तरह से जेहाद को बयान किया जाए। न की ये बताया जाए कि जेहाद फर्ज है, न की ये बताया जाए की जेहाद के किताबों में मतलब क्या हैं? शुरू से ही जेहाद की मोहब्बत दिल में बिठा दी जाए।’

बकौल अजहर, ‘हजरत इमाम बुखारी एक मुस्तहिद हैं। माहिरे नफ्सियात हैं। पहले तरीके से जेहाद बयान करने में ये नुकसान होता है..इंसान अल्फाज में ही उलझा रहता है..ये कि किताबी मायने क्या हैं..शरिया के मायने क्या हैं ? और..हुकूम क्या है। दूसरा तरीका बयान करने में फायदा ये है कि जब जेहाद की मोहब्बत और जेहाद का जौक (शौक) दिल में आ गया उसके बाद ना आदमी किताबी मायने नहीं देखता है। ना अकवाल (किसी के कथन) को देखता है। और ना ही इस फिक्र में रहता है कि जेहाद का हुक्म क्या है? वो तो जेहाद की तरफ उस तरह से लपकता है जैसे छोटा बच्चा दूध की तरफ लपकता है। क्योंकि उसको पता चल गया है कि जेहाद के जरिए अल्ला ताला के साथ वो रिश्ता बन जाएगा जो अम्बिया के रिश्ते के बाद सबसे बड़ा रिश्ता होगा। फिर वो जेहाद के लिए खुद राहें ढूंढेगा। जबकि पहले तरीके से जेहाद बयान किया जाए तो बहुत से लोग जेहाद से बचने की राहें तलाश करते हैं। हम लोगों ने जेहाद को बयान करने का बुखारी तरीका अपनाया हुआ है। लोग बोला करते थे कि जेहाद फर्ज है..सुन्नत है या वाजिब है..जो जेहाद नहीं कर रहे हैं वो फासिक (इस्लाम से हटे हुए) हैं। लेकिन इन सब बातों को अलग करके हम कहते थे कि देखो जेहाद कितनी अच्छी चीज है। जेहाद कितना मीठा फरीजा (फर्ज) है। वो देखो..बदर को देखो। जंगे बदर को देखो। वो देखो जंगे ओहद को देखो। वो देखो सुरे बारारात (दूरी बनाना) देखो। सुरे तौबा देखो। वो देखो सुरे अनफाल देखो। सुरे फत़ह देखो। तो अल्लाह के करम से उम्मत (कौम) का बहुत बड़ा तबका जेहाद की तरफ मुतबज्जे हो गया। यही तर्क इमाम बुखारी की किताब में है..मुक्कमल तौर पर। आप देखेंगे कि इस किताब में जेहाद का हुक्म बहुत आगे जाकर बताया गया है। और जेहाद की फजीलत और अफजलीयत शुरुआत में ही बयान कर दी। अब इतनी ज्यादा फजीलत और अफजलीयत सामने आ गई..कि जब बाद में जेहाद का हुक्म आया तो किसी के जेहन में ये नहीं आया कि मुझे बचाव के तरीके इसमें ढूंढने हैं। आप सब जो यहां बैठे हैं वादा करें..अल्ला ताला से वादा करें कि आप ये पूरी किताब पढ़ेंगे किताबुल जेहाद। जो चाहता है कि जेहाद को अच्छी तरह समझें तो वो कुराने मजीद की जेहाद की आयतों के बाद..इमाम बुखारी की ये किताब मुक्कमल पढ़नी चाहिए। सारे वादा करते हैं..इंशाअल्लाह।

पब्लिक : इंशाअल्लाह।

मसूद अजहर : और दूसरा वादा ये करें कि एक बार पढ़ाएंगे भी आप..इंशाअल्लाह।

पब्लिक : इंशाअल्लाह।

मसूद अजहर : किसी को पकड़ लेंगे, बिठा लेंगे..पढ़ेंगे-पढ़ाएंगे। इसमें से एक लब्ज भी ऐसा न रह गया हो जो सुने बगैर गुजर गया हो। आपका जेहाद का कोर्स मुक्कमल हो जाएगा..इंशाअल्लाह।

‘टाइम्‍स नाउ नवभारत’ की रिपोर्ट में क्‍या है?
चैनल ने बताया है कि भारत के दुश्मन नंबर वन के लिए बहावलपुर कैसे एक सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। यहां इसके दो घर हैं जिसकी सुरक्षा पाकिस्तान के सुरक्षाबल करते हैं। मसूद दुनिया की नजरों में न आए इसके लिए भी पाकिस्तान ने पूरा बंदोबस्त किया है। आतंक के आका के दोनों ठिकाने रिहायशी इलाके में हैं। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने रविवार को कहा कि चैनल के इस खुलासे से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को बल मिला है। सरकार इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएगी। राज्य मंत्री ने कहा कि मसूद पर ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ का यह खुलासा सराहनीय है।

भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि चैनल के इस खुलासे से पाकिस्तान की पोल खुल गई है और इमरान खान का सच सामने आ गया है। भाजपा सांसद ने कहा कि मसूद के मुद्दे को अन्य देशों को भी संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहिए।

Masood-Azhar

जैश सरगना मसूद अजहर (फाइल)



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