हाइलाइट्स
- लोक कल्याणकारी राज्य की संवैधानिक ड्यूटी कि भूख से कोई न मरे: सुप्रीम कोर्ट
- जिम्मेदार अधिकारी द्वारा हलफनामा दायर किया जाए- सुप्रीम कोर्ट
- कम्युनिटी किचन के लिए पैन इंडिया स्कीम बनाने के लिए आखिरी मौका- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोक कल्याणकारी राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि भूख से कोई न मरे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा है कि वह तीन हफ्ते में कम्युनिटी किचन की योजना पर पैन इंडिया स्कीम बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा इस मामले दाखिल किए गए हलफनामे पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि जिम्मेदार अधिकारी द्वारा हलफनामा दायर किया जाए।
केंद्र सरकार ने दायर किया हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कम्युनिटी किचन के लिए पैन इंडिया स्कीम बनाने के लिए आखिरी मौका दे रहे हैं और तीन हफ्ते का वक्त दिया है ताकि इस दौरान राज्यों से उनका व्यू लेकर पैन इंडिया स्कीम तय करें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार के खाद्य व उपभोक्ता मिनिस्ट्री के अंडर सेक्रेटरी की ओर से हलफनामा पेश किया गया। इस मामले में पेश हलफनामा पर नाखुशी जताई और कहा कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी को हलफनामा दायर करना चाहिए था। साथ ही हलफनामा के कंटेंट पर भी नाराजगी जताई और कहा कि हलफनामा में सिर्फ यह बताया गया है कि राज्यों में क्या स्कीम चल रही है इस तरह की जानकारी पहले ही राज्यों द्वारा दी जा चुकी है।
केंद्र सरकार एक यूनिफर्म मॉडल बनाए- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दिवान ने कहा कि 27 अक्टूबर के आदेश के बाद केंद्र ने राज्यों के साथ मीटिंग की और उनके व्यू आने के बाद हलफनामा दायर किया गया। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस हलफनामे में यह कहीं नहीं लिखा है कि आप स्कीम बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार एक यूनिफर्म मॉडल बनाए। आप पुलिस की तरह जानकारी न मांगे। आप वैसी जानकारी राज्यों से न मांगे जो पहले से कोर्ट को बताया जा चुका है। एक समग्र स्कीम हो और आप पता लगाएं कि कहां इसकी ज्यादा जरूरत है।
वेलफेयर स्टेट की ड्यूटी है कि कोई भूख से न मरे- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक यूनिफर्म स्कीम हो जो लागू किया जाए। आप अगर भूखे को खाना देना चाहते हैं तो इसके लिए किसी कानून में मनाही नहीं है। आप दो हफ्ते में मीटिंग करें। वेलफेयर स्टेट की ड्यूटी है कि कोई भूख से न मरे। 17 पेज के हलफनामे में स्कीम लागू करने के बारे में कोई बात नहीं है। हम आपको आखिरी मौका दे रहे है और चेता रहे हैं कि जिम्मेदार अधिकारी हलफनामा दायर करें। की बार पहले भी इस बारे में हम कह चुके हैं। आपके भीतर संस्थान के प्रति आदर का भाव होना चाहिए। हम कहते कुछ हैं आप लिखते कुछ हैं। अटॉर्नी जनरल से कोर्ट ने पूछा कि आप बताएं क्या हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे
सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि केंद्र कम्युनिटी किचन के बारे में समग्र प्लान बनाएगा। नैशनल फूड सिक्युरिटी एक्ट के तहत प्लान बनाया जाएगा. हमें तीन हफ्ते का वक्त दिया जाए हम मीटिंग करेंगे और स्कीम फाइनल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के अंडर सेक्रेटरी के हलफनामे से हम खुश नहीं हैं। जिम्मेदार अधिकारी हलफनामा दें। केंद्र ने कहा कि वह राज्यों से सुझाव मांग रहा है। हम तीन हफ्ते का वक्त देते हैं इस दौरान केंद्र कम्युनिटी किचन के बारे में स्कीम लेकर आए।