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Supreme Court Hearing Today Live Updates: CJI U U Lalit Led Bench To Pronounce Verdict Against Vijay Mallya, Plea To Challenge Extension Of ED Chief Listed For Monday


नई दिल्‍ली:सुप्रीम कोर्ट आज पर्सनल लॉ से जुड़ी पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। अलग-अलग अर्जी दाखिल कर अलग-अलग धर्म के पर्सनल लॉ को एक करने की मांग की गई है। इनमें तलाक के ग्राउंड एक करने से लेकर गुजारा भत्ता, शादी की उम्र और विरासत संबंधित अधिकार को एक करने की मांग की गई है। तमाम अर्जियों की विषय वस्तु कॉमन सिविल कोड की तरह है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट उन आठ याचिकाओं पर भी सुनवाई कर सकता है जिनमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं में नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और महुआ मोइत्रा भी शामिल हैं। वहीं, भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अवमानना के एक मामले में सजा का ऐलान हो सकता है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट की बेंच ने माल्या को सजा सुनाने पर 10 मार्च को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट में आज तमाम मामलों पर सुनवाई से जुड़ी लाइव अपडेट्स के लिए बने रहें एनबीटी ऑनलाइन के साथ।

  • Supreme Court Hearing Today LIVE : सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही लाइव

आज माल्या को सजा सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट
विजय माल्‍या को अवमानना के एक मामले में आज सजा सुनाई जा सकती है। माल्‍या नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक कर्ज घोटाले का आरोपी है। 10 मार्च को अपने रिजर्व्‍ड ऑर्डर में SC ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ कार्यवाही ‘अंधकारमय रास्ते पर पहुंच गई’ है। तब माल्या के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल मौजूद नहीं हैं और ब्रिटेन में हैं इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते इसलिए अवमानना के मामले में सजा सुनाए जाने पर बहस नहीं कर सकते।

पर्सनल लॉ से जुड़ी याचिकाओं में क्‍या है?
याचिकाकर्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि इस मामले में दाखिल सभी पांच अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यू. यू. ललित की अगुवाई वाली बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी। कोर्ट ने पांच ऐसी अर्जियों पर नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, जिनमें अलग-अलग यूनिफॉर्म सिविल कोड के तत्व हैं। मसलन, एकसमान तलाक का ग्राउंड करने से लेकर गुजारा भत्ता और विरासत संबंधित अधिकार एकसमान किए जाने के लिए अलग-अलग अर्जियां दाखिल की गई हैं।

मौजूदा समय में अलग-अलग धर्म और लिंग के आधार पर अलग-अलग कानून हैं। तीसरी याचिका में कहा गया है कि गुजारा भत्ता और जीवन निर्वाह के लिए दी जाने वाली एकमुश्त राशि के मामले में एकरूपता जरूरी है। इसमें धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। विवाह की उम्र 21 साल किए जाने से संबंधित याचिका भी दाखिल की गई थी।

ईडी प्रमुख के कार्यकाल को विस्तार देने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज राजनीतिक रूप से अहम एक और मामले की सुनवाई है। आठ अलग-अलग याचिकाओं में ईडी निदेशक के कार्यकाल के विस्तार और पांच साल तक ऐसे विस्तार की अनुमति देने वाले संशोधित कानून को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं में नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और महुआ मोइत्रा भी शामिल हैं। सीजेआई उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। कांग्रेस नेताओं सुरजेवाला और जया ठाकुर, तृणमूल कांग्रेस सांसद मोइत्रा, साकेत गोखले, कृष्ण चंद्र सिंह, विनीत नारायण और मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर दो अगस्त को केंद्र को नोटिस जारी किया गया था।



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By admin