एक वीडियो संदेश में विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘‘शिवलिंग’’ का अस्तित्व इसकी पुष्टि करता है कि वहां एक मंदिर था और आशा व्यक्त की कि देश में ‘‘हर कोई’’ इस प्रमाण को ‘‘स्वीकार करेगा’ तथा इसका सम्मान करेगा।
विहिप नेता ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छी खबर है। शिवलिंग दोनों पक्षों और उनके वकीलों की मौजूदगी में मिला है। शिवलिंग की खोज अपने आप में प्रमाण है। यह सिद्ध हो चुका है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, वह आज भी मंदिर है और 1947 में भी मंदिर था।’’
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने दावा किया कि एक ‘शिवलिंग’ मिला है जबकि मस्जिद प्रबंधन समिति के एक प्रवक्ता ने दावे का खंडन करते हुए एक टेलीविजन चैनल को बताया कि यह वस्तु एक ‘‘फव्वारे’’ का हिस्सा थी।
आलोक कुमार ने कहा कि विहिप इस मामले में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तक अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब बदली हुई परिस्थितियों में हम इस मामले को अपने केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संत बिरादरी के सामने रखेंगे।’’
कुमार ने कहा कि बैठक 11 और 12 जून को हरिद्वार में होगी। अदालत का फैसला आने के बाद, विहिप अपनी अगली कार्रवाई का फैसला करेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं होगा क्योंकि यह अदालत के विचाराधीन है।