
भारत के रंग में रंग जाते थे शिंजो आबे।
जब मोदी का आया भावुक ट्वीट
मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक बेहतरीन प्रशासक थे। हाल की जापान यात्रा के दौरान शिंजा आबे से मिलने का अवसर मिला था, पर मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी… जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ इस तरह से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया था। एक के बाद कई ट्वीट और मुलाकात की तस्वीर भी शेयर की। यह इस बात को जताने के लिए काफी है कि पीएम मोदी को शिंजो आबे के निधन से कितना बड़ा सदमा पहुंचा था और दोनों के बीच कितनी घनिष्ठता थी।
आज का दिन मेरे लिए अपूरणीय क्षति और असहनीय पीड़ा का दिन है। मेरे घनिष्ठ मित्र और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे अब हमारे बीच नहीं रहे। आबे मेरे तो साथी थे ही, वह भारत के भी उतने ही विश्वसनीय दोस्त थे। मैं अपने दोस्त को अंतिम विदाई देता हूं।
पीएम मोदी, आबे के निधन पर
उन्होंने खुद ट्वीट कर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए मोदी ने आबे से आखिरी मुलाकात को याद किया था। उन्होंने कहा था कि आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस मुश्किल घड़ी में अपने जापानी भाई, बहनों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘मित्र आबे के साथ मेरा नाता कई साल पुराना है। मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से उन्हें जानता था और मेरे पीएम बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही।’ पीएम ने बताया कि 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जापान की यात्रा के दौरान उनसे पहली मुलाकात हुई थी। प्रोटोकॉल और औपचारिक दायरे से बाहर दोस्ती के संबंध बने।

जब पीएम मोदी और शिंजो आबे ने काशी में साथ की थी गंगा आरती।
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को अपना घनिष्ठ मित्र और भारत का विश्वसनीय दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आज भारत में जापान के सहयोग से जो कार्य हो रहे हैं, उनकी बदौलत आबे भारत के जन-मन में सालों-साल तक बसे रहेंगे। दरअसल, आबे के प्रधानमंत्री कार्यकाल में भारत और जापान के रिश्ते काफी मजबूत हुए। दोनों नेताओं की केमिस्ट्री भी अच्छी जमी। देश में बुलेट ट्रेन की नींव आबे ने ही रखी थी। आबे ने जब पीएम पद से इस्तीफा दिया था तब भी पीएम ने उनके लिए भावुक संदेश लिखा था।

सोमवार शाम जापान के लिए रवाना हुए मोदी।
तब आबे की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी और वह स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण इस्तीफा दे रहे थे। तब पीएम मोदी ने लिखा था, ‘मेरे मित्र शिंजो आबे, आपके खराब स्वास्थ्य के बारे में जानकर कष्ट हुआ। हाल के वर्षों में आपके कुशल नेतृत्व और व्यक्तिगत रुचि के चलते भारत और जापान की साझेदारी मजबूत हुई।’ पीएम ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। इस पर आबे का भी जवाब आया। उन्होंने लिखा था, ‘आपके गर्मजोशी भरे शब्दों ने दिल को छू लिया। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी साझेदारी आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी।’
जब काशी में गंगा के सामने आबे ने जोड़े हाथ
शिंजो आबे भारत की संस्कृति से परिचित थे। उनके भीतर भारत और भारतीयों के लिए विशेष भाव था। प्रधानमंत्री रहते जब वह भारत आए थे तो बनारस भी गए। पीएम मोदी के साथ उन्होंने गंगा आरती की थी। गंगा के किनारे आंखें बंद किए हुए आबे की प्रणाम करती तस्वीर काफी चर्चा में रही थी। आबे ने प्रधानमंत्री मोदी की तरह हर अनुष्ठान को श्रद्धा के साथ पूरा किया था। बाद में जब मोदी जापान गए तो आबे ने उन्हें सांस्कृतिक नगरी क्योटो घुमाया। टोक्यो की स्पेशल चाय पिलाई। आबे पीएम मोदी को अपने घर भी ले गए थे। आज जब प्रधानमंत्री विशेष विमान से जापान के रास्ते पर होंगे तो उन्हें वो सब तस्वीरें याद आ रही होंगी।

2014 में जापान दौरे के समय ग्रीन टी पीते पीएम मोदी।
आबे का सियासी सफर
26 सितंबर, 2006 को आबे पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने आर्थिक सुधारों पर ध्यान देने के साथ-साथ उत्तर कोरिया के प्रति कड़ा रुख अपनाया। 2007 के चुनावों में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की करारी हार के बाद आबे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। आबे 2012 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2020 में उन्होंने यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आई है।
पीएम के जापान दौरे का पूरा कार्यक्रम
करीब 12 से 16 घंटे की जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ मुलाकात और द्विपक्षीय बैठक करेंगे। जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने इसी साल मार्च में भारत की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री मोदी मई में क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने जापान गए थे।