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school students taking their friend to school teacher photo goes viral on social media, ips subhash dubey shared school students commando force photo on twitter, people reactions remenbers childhood:सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक बच्चे को उसके ही कुछ साथी जबरन पकड़कर मास्टर साहब के पास ले जाते दिख रहे हैं। फोटो बेशक पुरानी है लेकिन जहन में सीधी चढ़ जाने वाली लगती है। इसे शेयर किया है आईपीएस सुभाष दुबे ने जो इस समय वाराणसी में एडिशनल सीपी के पद पर आसीन हैं।


नई दिल्ली: उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते। मशहूर शायर बशीर बद्र की इस शायरी एक बार फिर याद आ गई। क्या थे वो बचपन के दिन। न भविष्य की चिंता न वर्तमान का डर, बस अपने धुन में मगन। ऐसे में जब बात स्कूल की हो तो क्या ही कहने। सभी शरारतें एकाएक आंखों के सामने आ जती हैं। वो बचपन में लड़ना, एक दूसरे के साथ खेलना, शिक्षक को पेरशान करना, गलती करने पर डांट सुनना आदि। यादों की ऐसी किताब की जिसके हर पन्ने को देखकर खो जाने का मन करे, चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर जाए। आपको लग रहा होगा कि आखिर हम आज अचानक बचपन और खासकर स्कूल में बिताए बचपन को क्यों याद कर रहे हैं। वजह है सोशल मीडिया पर वायरल होती एक तस्वीर जिसमें एक बच्चे को उसके ही कुछ साथी जबरन पकड़कर मास्टर साहब के पास ले जाते दिख रहे हैं। फोटो बेशक पुरानी है लेकिन जहन में सीधी चढ़ जाने वाली लगती है। इसे शेयर किया है आईपीएस सुभाष दुबे (IPS Subhash Dubey) ने जो इस समय वाराणसी में एडिशनल सीपी के पद पर आसीन हैं।

वायरल फोटो में ऐसा क्या है
आईपीएस सुभाष दुबे ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि बचपन में स्कूल में मास्टर जी द्वारा भेजी गई कमांडो फोर्स, जो ना कोई बातचीत करती थी, ना ही कोई समझौता। अब तस्वीर का मर्म भी समझा देते हैं। वायरल तस्वीर में एक बच्चे को उसी के कुछ स्कूली साथी जबरन मास्टर साहब के पास लेकर जाते दिख रहे हैं। साथियों में उत्साह है वहीं उस बच्चे के माथे पर शिकन। मास्टर साहब की टास्क फोर्स का डर और अपनी गलती की मिलने वाली सजा को सोचकर बच्चे के चेहरे पर डर साफ दिखता है। अब इस वीडियो पर लोगों के रिएक्शन भी आ रहे हैं।

लोगों के रिएक्शन पर भी नजर दौड़ा लीजिए
इस तस्वीर के वायरल होते ही लोग भी अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में चले गए और तरह-तरह के कॉमेंट किए। शत्रुहन जायसवाल ने कहा कि मुझे तो हर रोज ऐसे ही ले जाया करते थे 5वी तक। अवतार सिंह नामक यूजर ने लिखा कि ये फोर्स बिना एनबीडब्ल्यू के न्यूनतम आवश्यक बल प्रयोग करते हुए सीधा गिरफ्तार करती थी वो भी बिना धारा 41 सीआरपीसी के नोटिस पर दस्तखत कराए 24 घण्टे छोड़िए 10 से 15 मिनट में मा० न्यायालय (मास्टर जी) के समक्ष पेश भी करती थी वो भी बिना रोज़नामचे में रवानगी के।

पवन त्रिवेदी नामक यूजर ने लिखा कि जिंदगी के सबसे हसीन पल है इन्हे दोबारा नहीं जीया जा सकता ।।अब तो बस पैसे और सफलता के पीछे भागते रहिए जिम्मेदारियों का बोझ उठाते चलिए। वहीं पीसी पांडे नामक यूजर ने लिखा सर पुरानी यादें सिर्फ तस्वीर में सिमट कर रह गई। अब अगर किसी बच्चे को इस तरह से पकड़ कर बच्चों की कमांडो ले जाती है तो तुरंत आपके पास फोन लग जायेगा।



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By admin