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नई दिल्ली
कोविड-19 के नए वेरिएंट्स के डर के मद्देनजर दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और चीन सहित सात देशों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। केन्द्र की ओर से बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने को कहा है।

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि कोरोना वायरस में हो रहे नए-नए म्यूटेशन की रिपोर्ट के अलावा वैश्विक स्तर पर वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) और वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की संख्या बढ़ रही है। इसके मद्देनजर 7 देशों को उन देशों की सूची में शामिल किया गया है, जहां से आने वाले यात्रियों को भारतीय हवाई अड्डों पर उतरने के समय एक और आरटी-पीसीआर जांच करवानी होगी। इसके अलावा उन्हें भारत के लिए उड़ान भरने से पहले भी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।

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ये 7 देश दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे हैं।

दरअसल, फरवरी में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक केवल ब्रिटेन, यूरोप और पश्चिम एशिया से आने वाले यात्रियों को ही भारतीय हवाई अड्डों पर उतरने पर फिर से आरटी-पीसीआर जांच करानी पड़ती थी।

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केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को भी कहा है ताकि दुनिया के अन्य देशों से भारत में कोरोना वायरस के नए-नए स्वरूपों को आने से रोका जा सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी कहा।

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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालांकि म्यूटेंट का खतरा मौजूद रहेगा। इसीलिए जांच, संक्रमण का पता लगाना, टीकाकरण, अस्पतालों में तैयारी और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साधनों का दृढ़ता से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोलंबिया में कोरोना वायरस के एक नए स्वरूप का पता चला है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।



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