राहुल गांधी ने कहा कि ये फैसला लिया गया है कि अक्टूबर में पूरी की पूरी पार्टी जनता के बीच जाएगी। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनके मुद्दों को समझेंगे। जनता से संबंध बनाने के लिए कोई कहता है कि शॉर्टकट से ये काम किया जा सकता है तो ऐसा नहीं है। ये संगठन जनता के बीच से ही निकला है इसलिए हमें जनता के बीच जाना होगा। हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए जो उनकी समस्या है उसे समझना चाहिए, हमारा जनता के साथ जो कनेक्शन था उस कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा।
मेरी लड़ाई RSS और BJP की विचारधारा से है, जो हिंसा और नफरत ये फैलाते हैं उसके खिलाफ है। ये मेरी जिंदगी की लड़ाई है, मैं मानने को तैयार नहीं हूं कि हमारे देश में इतनी नफरत फैल सकती है। हमारे खिलाफ बड़ी शक्तियां हैं, मैं इन शक्तियों से नहीं डरता हूं।
चिंतन शिविर में बोले राहुल गांधी
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‘कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है। कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से कायम करेगी। ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है। सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है। एक तरफ बेरोजगारी दूसरी तरफ महंगाई, यूक्रेन में युद्ध हुआ है आने वाले समय में मुद्रास्फीति पर इसका असर पड़ेगा।
‘राज्य और जनता को संवाद की अनुमति नहीं दी जा रही’
चिंतन शिविर के तीसरे और आखिरी दिन अपने संबोधन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार में प्रदेशों और जनता को संवाद करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। देश में यह स्थिति हो गई है कि किसी को भी बोलने नहीं दिया जा रहा है। पार्लियामेंट में मेंबर्स को बोलने नहीं दिया जा रहा। हमारे माइक बंद कर दिए जाते हैं। मेंबर्स को सदन से बाहर निकाल दिया जाता है।
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संवाद को खत्म कर देश को गंभीर परिणाम को धकेला जा रहा
राहुल गांधी ने चिंतन शिविर में कहा कि ज्यूडिशयरी तक को दबाव में लाया जा रहा है। आज कोई भी इस बात को समझ पा रहा है। देश में बहुत से लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर क्यों देश में मीडिया, विपक्ष किसी को भी नहीं बोलने दिया जा रहा है। लेकिन समझना यह जरूरी है कि अगर कोई नहीं बोलेगा, तो देश को इसके गंभीर परिणाम झेलने होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो बीजेपी, आरएसएस और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है। राहुल गांधी ने युवाओं को पूरा मौका देने का आह्वान करते हुए है कि संगठन में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाना होगा।