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rahul gandhi said demonetisation was done to convert black money into white money, india will never forget this pain, rahul gandhi targets modi government from his facebook post after reserve bank ofv india releases annual report on fake currency: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कालेधन को सफेद करने के लिए हुई थी नोटबंदी, इसके दर्द को देश कभी नहीं भूलेगा। राहुल ने जाली नोटों से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही।


नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जाली नोटों से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने आरोप लगाया कि नोटबंदी (Demonetisation In India) कालेधन को सफेद करने के लिए की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।

फेसबुक पोस्ट से साधा केंद्र पर निशाना
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया। लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए, कई घरों में शादियां थीं, बच्चों और बुज़ुर्गों के इलाज चल रहे थे, गर्भवती महिलाएं थीं, लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं थे, घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मृत्यु हो गई।’

आपके डिजिटिल इंडिया और कैशलेस इंडिया का क्या हुआ?
उन्होंने दावा किया, ‘2022 में रिजर्व बैंक के हवाले से ख़बर आई कि बैंक में पहुंचे 500 रुपये के 101.9 प्रतिशत और 2 हजार रुपये के 54.16 प्रतिशत से ज़्यादा नोट, नकली हैं। 2016 में जहां 18 लाख करोड़ ‘कैश इन सर्कुलेशन’ (चलन में मुद्रा) में था, वहीं आज 31 लाख करोड़ ‘कैश इन सर्कुलेशन’ में है। सवाल है कि आपके ‘डिजिटल इंडिया’, ‘कैशलेस इंडिया’ का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी?’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नोटबंदी के वक़्त मैंने कहा था कि ये ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ है। गलतफ़हमी में मत रहिए- मोदी जी से ग़लती नहीं हुई, ये जानबूझ कर किया गया है ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ किया जा सके और उनके कालेधन को सफेद किया जा सके।’राहुल गांधी ने दावा किया, ‘राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।’

भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट क्या कहती है
बीते वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग प्रणाली में मिले जाली 500 रुपये के नोटों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की तुलना में दोगुना से भी अधिक होकर 79,669 पर पहुंच गई। भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट (RBI Annual Report) में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला। 2020-21 की तुलना में यह 54.6 प्रतिशत अधिक हैं। बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र में मिले विविध मूल्यों की कुल जाली भारतीय करेंसी नोट (FICN) की संख्या बढ़कर 2,30,971 हो गई, जो 2020-21 में 2,08,625 थी। साल 2019-20 में 2,96,695 जाली नोट पकड़ में आए थे।



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By admin