गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराया जा सकता है
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाया और यूथ फैक्टर का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी को नए सिरे से मजबूती प्रदान करने के लिए इस वर्ग पर फोकस करना जरूरी है। बैठक में चर्चा पांच राज्यों में हाल के चुनावों में पार्टी की हार के इर्द-गिर्द घूमती रही। जयराम रमेश की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में 45 साल से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं को 60% टिकट दिए।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने जयराम रमेश के तर्क से सहमति जताई और कहा कि भविष्य में युवाओं पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी अच्छी रणनीति के साथ आगे बढ़ती है तो आने वाले गुजरात चुनाव में भाजपा को हराया जा सकता है।
राहुल गांधी की ओर से जो बात कही गई उसको लेकर CWC के भीतर ही इसे अलग-अलग तरीके से लिया जा रहा है। एक ओर गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं को लगता है कि यह वास्तविक चुनौती है जिसे राहुल गांधी की ओर से उठाया गया है। वहीं कुछ नेताओं को यह लगता है कि यह G-23 के नेताओं के ऊपर कटाक्ष था।
राहुल गांधी ने कैसे G-23 के नेताओं पर साधा निशाना
राहुल गांधी की ओर से कही गई बात एक तरह से जी 23 के नेताओं की चिंताओं और सुझावों का एक प्रकार से खंडन था। पार्टी के भीतर असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप पर राहुल गांधी की इस बात को सीधे हमले के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस ग्रुप के कई सदस्य अधिक उम्र के हैं और कहीं न कहीं इशारा उनकी ओर भी था। या यूं कहा जाए कि राहुल गांधी का यह सीधा हमला उन्हीं नेताओं पर था।
बैठक में गांधी परिवार की ओर से जो तर्क दिए गए उसके ठीक विपरीत सीडब्ल्यूसी में जी-23 सदस्यों ने पार्टी की नेतृत्व शैली और बिना सलाह और विचार के लिए फैसलों का मुद्दा उठाया। इसमें वही मुद्दे थे जो उन्होंने साल 2020 में सोनिया गांधी को लिखे विवादास्पद पत्र में उठाया था। इस बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से कहा कि उन्हें और अधिक सुलभ होना चाहिए साथ ही नेताओं और कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से मिलना शुरू कर देना चाहिए।