इस पर राहुल गांधी ने कहा मेरे जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव मेरे पिता की मृत्यु थी। इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता। अब मैं यह कह सकता हूं कि जिस व्यक्ति या ताकत ने मेरे पिता की हत्या की उसने मुझे बहुत दर्द दिया, यह सही भी है क्योंकि एक पुत्र के रूप में मैंने अपने पिता को खोया था और यह बहुत दुखद था। लेकिन इस तथ्य से भी दूर नहीं भाग सकता कि उसी घटना ने मुझे ऐसी बहुत चीजें सिखाईं जो शायद मैं कभी सीख नहीं सकता था। इसलिए जब आप सीखना चाहते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि दूसरे लोग कितने बुरे हैं।
भारत में रोजमर्रा के अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यदि मैं पलट कर देखूं तो (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी मुझ पर हमला करते हैं और ऐसे में मैं कहूं कि हे भगवान, वह कितने बुरे हैं, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं। इसे देखने का यह एक नजरिया है। दूसरा नजरिया यह भी है- बहुत बढ़िया, मैं उनसे (मोदी)कुछ सीख सकता हूं, मुझे कुछ और सिखाएं।
कार्यक्रम में मौजूद कई युवाओं ने राहुल गांधी से भारत की राजनीति के संदर्भ में सवाल किए गए और उनसे पूछा गया कि भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए वे किस प्रकार इसका हिस्सा बन सकते हैं। कांग्रेस नेता ने उनसे कहा कि वे उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बतौर इंटर्न जुड़ सकते हैं और इसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहें।