नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल के बीच दिल्ली की कुतुब मीनार पर भी विवाद छिड़ा हुआ है। दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज ASI ने उस याचिका का विरोध किया, जिसमें कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली की मांग की गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने साफ कहा कि भूमि के किसी भी स्थिति में उल्लंघन से मौलिक अधिकार का लाभ नहीं उठाया जा सकता है। दरअसल, कुतुब मीनार के पास कुछ हफ्ते पहले हिंदू संगठन प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका दावा है कि कुतुब मीनार का निर्माण 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया है। वहां पूजा करने का अधिकार देने और नाम बदलने की भी मांग की जा रही है।
Archaeological Survey of India ने कहा कि AMASR ऐक्ट 1958 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें किसी भी स्मारक पर पूजा शुरू की जा सकती है। माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिनांक 27 जनवरी 1999 के अपने आदेश में स्पष्ट रूप से इसका जिक्र किया है। ASI ने कहा कि कुतुब मीनार पूजा का स्थान नहीं है, मौजूदा स्थिति को बदला नहीं जा सकता है।