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quad joint statement: impact of india diplomacy russia not mentioned in the quad joint statement ukraine war pm modi,यूक्रेन का जिक्र तो आया लेकिन रूस का नाम नहीं… क्वाड में भारत की कूटनीति का दिखा असर


नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War)के बीच वैश्विक स्तर पर किसी एक नेता के दूसरे नेता से मिलने के मायने काफी बढ़ गए हैं। कौन किससे मिल रहा और क्या बयान दिए जा रह हैं इस पर सभी देशों की नजर है। ऐसे वक्त में जब 3 महीने से अधिक समय से रूस-यूक्रेन की लड़ाई जारी है और क्वाड की बैठक (Quad Meeting In Japan) होती है। इस बैठक पर कई देशों की नजर थी लेकिन सबसे अधिक किसी की नजर थी तो वह देश था चीन। बैठक से चीन (China) को जो संदेश देना था वो दिया गया। वहीं इससे अलग भारत और अमेरिका की सीधी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडन के बीच कई मुद्दों पर सीधी बातचीत हुई। जापान में क्वाड नेताओं की मीटिंग बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। क्या बयान जारी होता है इस पर भी नजर थी। इस संयुक्त बयान (Quad Joint Statement) में यूक्रेन का जिक्र तो था लेकिन कहीं रूस का नाम नहीं था। कूटनीति के लिहाज से देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि भारत ने जो चाहा वैसा ही हुआ। भारत और रूस के बीच कैसे संबंध है यह बात किसी से छिपी नहीं लेकिन भारत का शुरू से ही इस पूरे मामले पर क्लियर स्टैंड रहा है और संयुक्त राष्ट्र के मंच तक भी सबने देखा है।

चीन की घेराबंदी क्यों है जरूरी, कड़ा संदेश
क्वाड समूह के नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों और साझा हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। क्वाड समूह के नेताओं ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में बिना किसी उकसावे के और एकतरफा तनाव बढ़ाने की किसी भी कोशिश का विरोध किया। साथ ही किसी तरह की धमकी के बिना शांतिपूर्ण ढंग से विवादों का निपटारा करने का आह्वान किया। क्वाड समूह के नेताओं ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था को बरकरार रखने का संकल्प व्यक्त किया।

PM Modi Quad Summit Speech: 2-45 मिनट में पीएम नरेंद्र मोदी ने हिंद-प्रशांत और QUAD का पूरा गेम समझा दिया
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि किसी किसी भी बलपूर्वक, उकसाने वाली या एकतरफा कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं, जिसके जरिये यथास्थिति को बदलने और तनाव बढ़ाने की कोशिश की जाए। बयान के अनुसार, हम अंतरराष्ट्रीय कानून का अनुपालन करने के हिमायती हैं, जैसा समुद्री कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र संधि में है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में, भारत, अमेरिका और विश्व की कई अन्य शक्तियां स्वतंत्र, खुला एवं संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है। हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप एवं सैन्य अड्डे भी बनाए हैं।

हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, बिना बल प्रयोग के विवादों का शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा करने का पुरजोर समर्थन करते हैं। विमानों की उड़ान संबंधी स्वतंत्रता को बनाये रखने के पक्षधर हैं। सभी हिन्द प्रशांत क्षेत्र और दुनिया में शांति, स्थिरता व समृद्धि के लिये जरूरी हैं।

क्वाड


यूक्रेन का हुआ जिक्र लेकिन रूस का नाम नहीं

क्वाड समूह के नेताओं ने यूक्रेन जंग के बाद पैदा हुए हालात चर्चा की और इसके हिन्द प्रशांत क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया। इसमें कहा गया है कि वे आसियान की एकता एवं इसकी केंद्रीयता के लिये अपने समर्थन तथा हिन्द प्रशांत आसियान दृष्टि को व्यावहारिक रूप से लागू करने की पुन: पुष्टि करते हैं। बयान में चारों देशों ने कहा कि वे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिये यूरोपीय संघ की रणनीति पर उसकी संयुक्त विज्ञप्ति का स्वागत करते हैं, जिसकी घोषणा सितंबर 2021 में हुई थी ।

बिना नाम लिए QUAD देशों ने चीन पर साधा निशाना, एकतरफा कार्रवाई को लेकर कही यह बात
समूह के नेताओं ने उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास व प्रक्षेपण करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करने की निंदा की तथा कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इन देशों ने म्यांमा के संकट पर चिंता व्यक्त की और देश में तत्काल हिंसा समाप्त करने, सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने तथा लोकतंत्र बहाल करने का आह्वान किया ।

मुंबई हमला, पठानकोट सहित आतंकवादी हमलों की निंदा
क्वाड की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के सभी रूपों की स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं। चारों नेताओं ने आतंकी समूहों को साजो-सामान, वित्तीय या सैन्य सहयोग नहीं देने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि इनका इस्तेमाल सीमा पार से आतंकी हमलों सहित इसकी साजिश रचने में किया जा सकता है। नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, हम 26/11 मुंबई हमलों, पठानकोट हमलों सहित आतंकवादी हमलों की फिर से निंदा करते हैं।

Quad Summit: साउथ चाइना सी में अब चीन नहीं कर पाएगा मनमानी, क्वाड ने बनाया ‘चक्रव्यूह’
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के शीर्ष नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे के बीच मंगलवार को अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश का संकल्प जताया। क्वाड नेताओं ने कमियों को पाटने के लिए सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देने के वास्ते भागीदारों तथा क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसे हासिल करने के लिये क्वाड अगले पांच वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में 50 अरब अमेरिकी डालर से अधिक की सहायता और निवेश की कोशिश करेगा।



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By admin