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Punjabi singer Sidhu Moose Wala shot dead lawrence bishnoi gang goldy brar : तब एक दाऊद था, आज इन क्राइम मास्टर्स का चलता है अपराध जगत में सिक्का


नई दिल्ली: दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) भारत का सबसे बड़ा मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है। 1993 मुंबई बम धमाकों में उसी का हाथ था। लेकिन इसके बाद बीते तीन दशकों में कई गैंग और गैंगस्टरों ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। कई गैंग तो ऐसे हैं जिनकी पहुंच 5-6 राज्यों में नहीं, विदेश में भी है। पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की गाड़ी को घेरकर जिस तरह से 30 से ज्यादा राउंड गोलियां दागी गईं, उसने पंजाब ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया। कल सिद्धू मूसेवाला खुद थार चला रहे थे। उन्हें करीब से 6 गोलियां मारी गईं। हत्या के कुछ घंटे बाद ही गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उसके साथी की हत्या में मूसेवाला का हाथ था, लेकिन अपनी पहुंच के चलते वह बच गया। गोल्डी बराड़ इस समय कनाडा में है। साफ हो गया है कि पंजाबी गायक की हत्या बदले की कार्रवाई है। आमतौर पर इस तरह के मामलों में गैंगवॉर देखी जाती है। पिछले कुछ सालों में दिल्ली में कई गैंगवॉर की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पंजाब की घटना से एक बार फिर गैंगों की चर्चा शुरू हो गई है। आइए जानते हैं देश के कुछ ऐसे गैंग के बारे में जो कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द रहे हैं।

1. लॉरेंस बिश्नोई के पास 600 शार्प शूटर!

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इसे देश का सबसे बड़ा गैंगस्टर कहा जाता है। बताते हैं कि लॉरेंस की गैंग में 600 से ज्यादा शार्प शूटर हैं। कम उम्र में ही वह अपराध की दुनिया का ‘नया दाऊद’ बन बैठा। 1992 में पंजाब के फजिल्का में जन्मे लॉरेंस पर 50 से ज्यादा आपराधिक मामले हैं। परिवार भी काफी समृद्ध है। कहा जाता है कि उसका गैंग पूरे देश में फैला हुआ है। पंजाब, हरियणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में उसका गैंग काफी सक्रिय रहा है। बच्चे बचपन में आईएएस-पीसीएस, डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं लेकिन लॉरेंस डॉन बनना चाहता था। चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज पहुंचा तो पहला गैंग यहीं बना लिया।

आज से करीब तीन साल पहले बेंगलुरु में पकड़े गए संपत नेहरा ने खुलासा किया था कि उसे लॉरेंस ने ऐक्टर सलमान खान की हत्या का काम सौंपा था। इसके पीछे की वजह यह पता चली कि लॉरेंस उस बिश्नोई समाज से है जो काले हिरण को पूजते हैं। सलमान खान को काला हिरण शिकार मामले में दोषी पाया गया था। लॉरेंस काले हिरण की हत्या का बदला लेना चाहता था। उसने अपनी गैंग का नेटवर्क बढ़ाया और गैंगस्‍टर काला जठेड़ी और नरेश सेठी से हाथ मिलाया। आज के समय में ऐसा माना जाता है कि यह गैंग मेक्सिको, इटली, थाईलैंड और कनाडा में बैठे लोगों के साथ ड्रग तस्करी, हत्या जैसे गैरकानूनी अपराध को अंजाम देता है। नरेश ही वह गैंगस्टर है, जिसने काला जठेड़ी को जुर्म की दुनिया का ककहरा सिखाया।

AK-47 का बाप! रूसी AN-94 कितनी पावरफुल, जिससे मूसेवाला को मारी गई गोली

एक साल पहले से ऐसी खबरें आ रही थीं कि पंजाब के चार सिंगर इस गैंग के निशाने पर हैं। एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा घटाई और कुछ घंटे में जानलेवा हमला हो गया। पहले बताया जा रहा था कि मूसेवाला पर AK-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। लेकिन जांच में वहां से AN-94 राइफल के कई खोखे मिले। रूस में बनी यह असॉल्ट राइफल एके-47 से भी ज्यादा घातक होती है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि मूसेवाला की हत्या के लिए बराड़ और लॉरेंस की जिम्मेदार है। सतिंदर सिंह उर्फ गोल्‍डी बराड़ को लॉरेंस बिश्नोई का खास गुर्गा माना जाता है।

2. लकी पटियाल गैंग

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सिद्धू मूसेवाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई के साथ लकी पटियाल गैंग भी चर्चा में आया है। वह भी एक समय स्टूडेंट लीडर हुआ करता था। पंजाब के डीजीपी ने कहा है कि शुरुआती जांच में यह लॉरेंस बिश्नोई गुट और लकी पटियाल गुट के बीच गैंगवार का मामला लग रहा है। लॉरेंस बिश्नोई गुट ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला है। पिछले साल विक्की की हत्या कर दी गई थी। लकी पटियाल जिस गैंग को चला रहा है, पहले उस गिरोह का सरगना पंजाब का गैंगस्टर देवेंद्र बांभिया था। 2018 में पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया। लकी भी पंजाब का रहने वाला है। बताते हैं कि वह आर्मेनिया में रहता है। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में अपना नेटवर्क मजबूत करने के लिए गैंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिलाकर काम कर रहा है। बताया जाता है कि पिछले 3-4 साल में पंजाब में हुए हर बड़े मर्डर में लकी पटियाल का हाथ रहा है। इसके 12 गुर्गों को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने पकड़ा था।

(तस्वीर में बाएं गोल्‍डी बराड़ और दाएं मूसेवाला)

3. नरेश कौशल और नीरज बवाना गैंग

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दिल्ली-एनसीआर के गैंगस्टरों की क्राइम कुंडली खंगाले तो नरेश कौशल गैंग सबसे ऊपर दिखाई देता है। उसने गुड़गांव और दिल्ली में ज्यादा अपराध किए हैं। वह दुबई से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है।

दिल्ली के नंबर-2 पर गैंगस्टर नीरज बवानिया का गैंग है। दिल्ली में नीरज बवानिया गैंग सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि गिरफ्तारी के बाद भी नीरज तिहाड़ जेल से ही अपना गैंग चलाता रहा है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह दिल्ली में बड़े-बड़े बिजनेसमैन से फिरौती मांगता है। नहीं देने पर उसके गुर्गे जान लेने के लिए तैयार रहते हैं। इसके गैंग के दो बड़े बदमाश सोनू चिढ़ी और मुनिया बवानिया हैं।

(तस्वीर में नीरज बवाना)

4. क्राइम मास्टर गोगी, जब कोर्ट में बरसीं गोलियां

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फिल्म में तो क्राइम मास्टर गोगो था लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाके में गोगी गैंग सनसनी मचाए रहता था। छोटा शिव मंदिर अलीपुर के रहने वाले गोगी पर 4 लाख रुपये का इनाम था। उस पर भी दर्जनों हत्याएं, हत्या का प्रयास और फिरौती मांगने के मामले चल रहे थे। जेल में बंद गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में एक गैंगवॉर में मार दिया गया। वह जेल से भी अपनी गैंग चला रहा था। गोगी गैंग की ताजपुर गांव के रहने वाले सुनील उर्फ टिल्लू गैंग से 36 का आंकड़ा रहा है। दोनों के बीच गैंगवॉर में कई बदमाश मारे जा चुके हैं।

छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान हत्याकांड में ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील पहलवान की मदद के लिए नीरज बवानिया और असौदा गैंग के बदमाश भी थे। इस कांड में लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग को चुनौती दी गई थी। लॉरेंस सिंडिकेट की मिलीभगत से कुलदीप मान उर्फ फज्जा को पुलिस कस्टडी से छुड़वाया गया था। नीरज बवानिया सिंडिकेट ने अपना दबदबा बनाने के लिए रोहिणी कोर्ट के भीतर जितेंद्र गोगी की हत्या करवाई। दोनों सिंडिकेट दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में लगातार एक-दूसरे गैंग पर हमला करते रहे हैं।

5. टिल्लू गैंग

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ताजपुर गांव का रहने वाला सुनील उर्फ टिल्लू गैंग है। टिल्लू जेल में है। वह अपना गैंग जेल के अंदर से ही चला रहा है। उसके गैंग में संदीप उर्फ ढिल्लू और अमित दबंग कुख्यात बदमाश हैं। संदीप पर दो लाख रुपये का इनाम भी है। गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या करने का शक उसके विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया पर ही है।

सोनू दरियापुर के नाम से एक और गैंग चलता है। सोनू तिहाड़ में है, लेकिन इस गैंग की ताकत हाशिम बाबा और समुंदर खत्री उर्फ सुरेंद्र हैं, जो आजाद घूम रहे हैं। नरेला के रहने वाले समुंदर पर दो लाख रुपये का इनाम है। अशोक प्रधान गैंग का नाम भी आते रहा है। अशोक प्रधान और सनम डागर मिलकर इस गैंग को चलाते हैं।

यह लिस्ट काफी लंबी है। लेकिन हैरानी और पुलिस के लिए चुनौती यह है कि जितने भी गैंग चल रहे हैं उसका सरगना या तो विदेश में बैठा है या जेल में। ऐसे में सड़कों पर बहता खून पूरे प्रशासन पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

6. काला जठेड़ी नाम में भी खौफ है…

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काला जठेड़ी ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में अपराध की दुनिया में सनसनी पैदा कर रखी थी। दिल्ली में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के बाद उसका नाम चर्चा में आया। वह हरियाणा के सोनीपत जिले के जठेड़ी गांव का रहने वाला है। माना जाता है कि हत्या, अपहरण, लूट, फिरौती, जमीन पर कब्जे जैसे कामों में लिप्त काला जठेड़ी के गैंग में सैकड़ों की संख्या में शूटर हैं। भारत से बाहर दुबई और मलेशिया में बैठकर गैंग ऑपरेट करने वाला जठेड़ी 12वीं पास है। उसने केबल ऑपरेटर का काम शुरू किया था लेकिन जुर्म के रास्ते पर मुड़ गया। कुख्यात नीरज बवाना का वह दुश्मन माना जाता है। उसे पंजाब-राजस्थान के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सपोर्ट भी रहा है। पिछले साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैंगस्टर काला जठेड़ी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से धर दबोचा।

इससे पहले 2 फरवरी 2020 को गुड़गांव पुलिस संदीप उर्फ काला जठेड़ी को फरीदाबाद अदालत में पेशी के लिए लेकर आई थी। फिल्मी कहानी की तरह बदमाश उसके पीछे थे। वापस ले जाते समय गुड़गांव रूट पर बदमाशों ने पुलिस की बस को घेर लिया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर काला जठेड़ी को छुड़ा ले गए।

मूसेवाला हत्याकांड की जांच में दिल्ली पुलिस भी एक्टिव हो गए है। आज कोर्ट से विशेष अनुमति लेकर काला जठेड़ी को जेल से पूछताछ के लिए लोधी रोड स्थित दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मुख्यालय लाया गया।



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