
ऐसे में यूपीए के मुकाबले में तो बीजेपी को बड़ी बढ़त हासिल है लेकिन अगर विपक्ष ने संयुक्त उम्मीदवार खड़ा कर दिया तो बीजेपी उम्मीदवार के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा विरोधी सभी दलों के एकजुट होने की स्थिति में उनके पास एनडीए से 2 फीसदी ज्यादा यानि 51 प्रतिशत के लगभग वोट हो जाते हैं। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ घंटों बैठक कर राज्यसभा चुनाव और मोदी सरकार के आठ साल के जश्न के कार्यक्रमों के साथ-साथ राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी सभी पहलुओं पर चर्चा की।
जीत का अंतर ज्यादा रखने पर जोर
अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को जीत दिलाने और ज्यादा से ज्यादा अंतर से जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी ने क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी एक तरफ जहां अपने सबसे पुराने सहयोगी नीतीश कुमार को अपने साथ बनाए रखने की पुरजोर कोशिश करेगी। वहीं दूसरी तरफ विभिन्न राज्यों में सरकार चला रहे क्षेत्रीय क्षत्रपों को भी साधने की कोशिश करेगी।
नीतीश-नवीन पटनायक और जगन मोहन रेड्डी पर खास फोकस
राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार का समर्थन सुनिश्चित करने के लिए कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पटना जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। पार्टी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात करने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से बात करने का जिम्मा राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव को सौंपा है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी इसके अंतर को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का भी प्रयास करेगी। ऐसे में आने वाले दिनों में भाजपा कई अन्य क्षेत्रीय क्षत्रपों को भी साधने की कोशिश करेगी और इसके लिए भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।