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President Election: कॉलेज में यशवंत सिन्हा ने किसे दिया दिल – president election 2022: know about presidential candidate yashwant sinha college life


जब प्रेम प्रस्ताव पर मिली असहमति

मीनाक्षी ने उनके प्रस्ताव पर अपनी असहमति जता दी। ‘नहीं यशवंत, शादी की बात तो हम सोच भी नहीं सकते। हम अच्छे दोस्त हैं और आगे भी अच्छे दोस्त बने रहेंगे’, कुछ ऐसा ही मीनाक्षी ने यशवंत सिन्हा से कहा था। ऐसा नहीं था कि उन्हें यशवंत सिन्हा अच्छे नहीं लगते थे। लेकिन वह जमीनी सचाइयों के मामले में उनके मुकाबले कहीं ज्यादा समझदार थीं। उन्होंने यशवंत को समझाया, ‘देखो, अभी तो हम लोग पढ़ ही रहे हैं, हम दोनों की जिंदगी दोराहे पर है, कुछ भी निश्चित नहीं है। ऐसे में शादी जैसे गंभीर विषय पर कोई फैसला कैसे ले सकते हैं? दूसरी बात यह कि हम अलग-अलग परिवेश से आते हैं। मैं बंगाली हूं। हो सकता है, हम दोनों का परिवार इस रिश्ते को कबूल न करे। ऐसे में हमें भावावेश में ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहिए, जो दोनों लोगों के लिए बाद में मुश्किल बने।’ यशवंत सिन्हा के पास कोई और विकल्प नहीं था, सिवाय यह कहने के कि ‘ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी।’

​अपनी शादी पर बुलाना नहीं भूलीं

मीनाक्षी अपने वायदे पर कायम रहीं। उन्होंने कहा था, ‘शादी के प्रस्ताव को भले ही हम स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम अच्छे दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे।’ कुछ वर्ष बाद मीनाक्षी की शादी स्वजातीय सुजीत बनर्जी से तय हुई। सुजीत पटना कॉलेज में लेक्चरर थे और संयोग यह कि यशवंत सिन्हा के कॉलेज के सीनियर भी थे। इतना ही नहीं उस वक्त तक खुद यशवंत सिन्हा भी लेक्चरर हो चुके थे। मीनाक्षी ने अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड उन्हें अपनी बहन की मार्फत भिजवाया। खुद मीनाक्षी का भी अनुरोध था और कार्ड लेकर पहुंचीं बहन ने भी अनुरोध किया कि यशवंत शादी में जरूर शामिल हों। यशवंत सिन्हा मीनाक्षी की शादी में शामिल हुए भी।

जब उस खबर ने यशवंत को कर दिया निःशब्द

फिर जब यशवंत का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ तो मीनाक्षी का बधाई संदेश उन्हें मिला था। उसके बाद स्वाभाविक ही दोनों की जिंदगी ने अपनी अलग-अलग पटरियों पर रफ्तार पकड़ ली। दोनों के दरमियान बातचीत का सिलसिला थमने सा लगा। फिर ऐसा दौर भी आया, जब दोनों एक दूसरे बिल्कुल कट से गए। किसी को एक दूसरे का हालचाल लेने की फुर्सत नहीं थी। मीनाक्षी भी साहित्य की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी थीं। फिर एक रोज किसी कॉमन दोस्त के जरिए यशवंत सिन्हा को यह जानकारी मिली कि मीनाक्षी के पति सुजीत का निधन हो गया है। वह मीनाक्षी को सांत्वना देने के लिए उनके घर गए। लेकिन पति की मौत के बाद मीनाक्षी भी बहुत दिन जी नहीं पाईं। फिर एक रोज यशवंत सिन्हा को उनकी मौत की भी खबर मिली। और यह एक ऐसी खबर थी, जिसने उन्हें कुछ देर के लिए नि:शब्द कर दिया।



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