पीएम मोदी ने किया था ऐलान
पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को इसकी जानकारी देते हुए कहा था, ‘शिक्षक दिवस पर मैं एक नई पहल की घोषणा कर रहा हूं। प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित और उन्नत किया जाएगा। ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे और इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की हर बात शामिल होगी।’ पीएम ने कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने में एक आधुनिक, परिवर्तन लाने वाला तरीका इस्तेमाल किया जाएगा।
कैसा होगा पीएम श्री स्कूल, जानिए
-इन स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
-आदर्श विद्यालय में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं अलग अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है। इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना तथा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। स्कूल ड्रॉप आउट में भी कमी लागने की कोशिश की जाएगी।
-ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन और अनुकरणीय स्कूल के रूप में सामने आएंगे।
-इन स्कूलों में प्रैक्टिकल, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित पढ़ाई कराई जाएगी। ये शिक्षकों के लिए भी काफी अहम होगा। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।
कैसे चुने जाएंगे स्कूल?
देश भर में पीएम-श्री योजना के तहत 14,597 स्कूलों का आदर्श स्कूलों के रूप में चयन तीन चरणों वाली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा। इसके तहत सहायता प्राप्त करने के लिए स्कूल प्रतिस्पर्धा करेंगे। पूरे देश में कुल स्कूलों की संख्या की ऊपरी सीमा के साथ प्रति ब्लॉक अधिकतम दो स्कूलों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक) का चयन किया जाएगा। पीएम श्री स्कूलों के चयन और निगरानी के लिए स्कूलों की जियो-टैगिंग की जाएगी।
कितना खर्च आएगा?
पीएम श्री योजना पर 27,360 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों एवं विशेषताओं का समावेश होगा और यह आदर्श स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे। इसके तहत स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा। इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा।
स्कूलों के चयन के मानक जान लीजिए
स्कूलों के चयन के लिये 60 मानक निर्धारित किये गए हैं जिसमें पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिये सुविधाएं आदि शामिल हैं।
कितने चरणों में चुने जाएंगे स्कूल?
-स्कूलों का चयन निश्चित समय सीमा के अंदर तीन चरणों वाली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा। बयान के अनुसार, प्रथम चरण के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जिसमें वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संपूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताएंगे और केंद्र इन स्कूलों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्धताओं को तय करेगा।
-दूसरे चरण के तहत निर्धारित न्यूनतम मानक के आधार पर उन स्कूलों की पहचान की जाएगाी जो पीएम श्री स्कूलों के रूप में चुने जाने के योग्य हैं।
-तीसरा चरण कुछ मानदंडों को पूरा करने के लिए चुनौती पद्धति पर आधारित है। इसमें स्कूलों के उपरोक्त पात्र पूल में से ही विद्यालय, चुनौती की शर्तों को पूरा करने के लिए मुकाबला करेंगे।
स्कूलों का सत्यापन कौन करेंगे?
स्कूलों के दावों का सत्यापन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/केवीएस/जेएनवी करेंगे और स्कूलों की सूची मंत्रालय को सुझाएंगे। पायलट परियोजना के आधार पर पीएम-श्री स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी। इसके लिये एक पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्यौरा होगा।