बौद्ध धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व
बौद्ध धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस रंग को सत्कार से लेकर उपकार के साथ जोड़ा जाता है। साथ ही इसे आत्मत्याग का भी प्रतीक माना जाता है। इसका मतलब होता है कि आप दुनिया की मोह-माया से दूर होकर दूसरों के दुख को दूर करने के कार्य में जुट जाते हैं। बौद्ध धर्म में कहा गया है कि दुनिया की माया से दूर होने से ही ईश्वर प्राप्ति का रास्ता खुलता है।
हिंदू धर्म में भी पीले रंग का खास महत्व
हिंदू धर्म में पीले रंग के कपड़े को पीतांबर कहा जाता है। इस रंग का हिंदू धर्म में खास महत्व है। पूजा में पीले रंग को शुभ माना जाता है। पीले रंग को वैराग्य का भी प्रतीक है।
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पीले कपड़े पहन लुम्बिनी पहुंचे पीएम मोदी
पीएम मोदी भी आज सुबह-सुबह पीले रंग के कपड़े के साथ नेपाल पहुंचे। पीएम ने यहां महामायादेवी मंदिर में पूजा अर्चना की। गौरतलब है कि लुम्बिनी में ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। पीएम मोदी का पड़ोसी देश नेपाल से खास लगाव रहा है। आज उनके कपड़े ने भी सबको चौंकाया है। पीएम ने आज नेपाल के लुम्बिनी में बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र के निर्माण की आधारशिला रखी है।
बौद्ध धर्म के चार तीर्थस्थल
बौद्ध धर्म में दो संप्रदाय हैं। हिनयान और महायान। इस धर्म के चार प्रमुख तीर्थस्थल हैं। लुम्बिनी (भगवान बुद्ध का जन्म) , बोधगया (भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति), सारनाथ (भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश दिया), कुशीनगर (भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण)।