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pm modi japan visit: narendra modi japan pm kishida agrees to further enhance bilateral security and defense cooperation : हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा जापान के प्रधानमंत्री संग मुलाकात के बाद PM मोदी का ट्वीट द्विपक्षीय सुरक्षा को और बढ़ाने पर जताई सहमति


तोक्यो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान दौरे (PM Modi Japan Visit) पर अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र समेत द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दूसरे प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए यहां आए प्रधानमंत्री मोदी ने किशिदा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की जिस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच नियमित हाई लेवल आदान-प्रदान की गति को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।

पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्विटर पर कहा, ‘प्रधानमंत्री किशिदा (Japan PM Kishida) के साथ शानदार मुलाकात हुई। इस बैठक ने हमें भारत और जापान के बीच संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करने का अवसर दिया। हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह हमारे राष्ट्रों के लोगों के लिए शुभ संकेत है।’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम किशिदा से लाभप्रद मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कई विषयों पर चर्चा की जो भारत और जापान के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगे।’

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र समेत द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग और बढ़ाने पर भी सहमत थे। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि अगली ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक जल्द से जल्द जापान में हो सकती है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की भी सराहना की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को अगले पांच सालों में जापान से भारत में पांच हजार अरब येन (39.3 अरब अमेरिकी डॉलर) के सार्वजनिक और निजी निवेश के अपने फैसले को लागू करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने कारोबार सुगमता में सुधार के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों, ‘गति-शक्ति’ पहल के जरिए कर्मचारियों और माल की व्यवस्था को रेखांकित किया और किशिदा से भारत में जापानी कंपनियों की ओर से अधिक निवेश का समर्थन करने का आग्रह किया।

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मंत्रालय ने कहा, ‘ऐसे निवेश से लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद मिलेगी और यह परस्पर फायदेमंद होगा। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की सराहना की कि जापानी कंपनियां भारत में अपना निवेश बढ़ा रही हैं और 24 जापानी कंपनियों ने विभिन्न उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत सफलतापूर्वक आवेदन किया।’

दोनों नेताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना के क्रियान्वयन में प्रगति पर संज्ञान लिया। उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और अगली पीढ़ी की संचार प्रौद्योगिकियों के विकास में दोनों पक्षों के निजी क्षेत्रों के बीच अधिक सहयोग को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई। उन्होंने 5जी, ‘बियॉन्ड 5जी’ और अर्धचालकों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की।

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने हरित हाइड्रोजन सहित स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की और व्यापार-से-व्यापार सहयोग को प्रोत्साहित किया। उन्होंने लोगों से लोगों के स्तर पर संपर्क को और बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि इस तरह के संबंध द्विपक्षीय संबंधों की रीढ़ बनने चाहिए। उन्होंने निर्दिष्ट कुशल कामगार (एसएसडब्ल्यू) कार्यक्रम के कार्यान्वयन में हुई प्रगति पर संज्ञान लिया और इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए सहमति जताई।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीकाकरण प्रमाण पत्र लेकर जाने वाले भारत के यात्रियों के लिए जापान में बिना क्वांरटीन प्रवेश की सुविधा के लिए यात्रा प्रतिबंधों में और ढील देने का मुद्दा उठाया। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने में उपयोगी था। वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों द्वारा पहचानी गई विभिन्न परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए भी दोनों पक्ष तत्पर हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने हाल के वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण में संमिलन पर संज्ञान लिया और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि किशिदा ने अगले वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जापान आने का निमंत्रण दिया, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। किशिदा ने मोदी के लिए रात्रिभोज का भी आयोजन किया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘दोनों नेताओं ने भारत में रक्षा निर्माण, कौशल विकास, साझेदारी, व्यापार और प्रौद्योगिकी साझेदारी सहयोग, क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला सहित विविध क्षेत्रों में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय साझेदारी के पूरे ढांचे का व्यापक जायजा लिया।’ उन्होंने कहा, ‘यह पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का जापान का पांचवां दौरा है जबकि जापानी समकक्ष किशिदा के साथ उनकी दूसरी बैठक थी।’ उन्होंने कहा, ‘वास्तव में, शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की गति को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने मंगलवार को दूसरे प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह शिखर सम्मेलन यूक्रेन पर रूस के हमले के साये में हो रहा है। शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब चीन तेजी से लोकतांत्रिक मूल्यों को चुनौती दे रहा है और प्रतिरोधी व्यापार प्रथाओं का सहारा ले रहा है जिसे लेकर उसके और क्वाड सदस्य देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में चर्चा कर रही हैं। चीन लगभग समूचे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, यद्यपि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया 2023 में अगले क्वॉड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।



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