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om prakash chautala corruption case: Haryana News: INLD Chief Om Prakash Chautala disproportionate assets case explained: ओम प्रकाश चौटाला: आय से अधिक संपत्ति का वह केस जिसमें ओपी चौटाला दोषी करार, 26 मई को तय होगी सजा, पढ़िए डीटेल स्टोरी


चंडीगढ़: हरियाणा के चार बार के सीएम रहे ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala Conviction) को पिछले दिनों दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले (OP Chautala disproportionate assets case) में दोषी करार दिया। आईएनएलडी प्रमुख पर 1993 से 2006 के बीच अज्ञात स्रोतों से लगभग 6.09 करोड़ की अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। स्पेशल जज (पीसी ऐक्ट) (सीबीआई) विकास ढुल ने सजा तय करने के लिए 26 मई की तारीख तय की।

यह वही केस है जिसकी सुनवाई के दौरान चौटाला को एक बार अपनी पगड़ी ठीक से बंधे न होने की वजह से अदालत में परेशान देखा गया था। उन्होंने अदालत से इजाजत ली और बाहर आकर पहले पगड़ी ठीक की और फिर जज के सामने आए। इस केस में सीबीआई का प्रतिनिधित्व स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अजय गुप्ता ने और बचाव पक्ष के लिए एडवोकेट हर्ष कुमार शर्मा अन्य के साथ पेश हुए।

पढ़ें: आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला दोषी करार

19 मई को दोनों पक्षों की बहस खत्म हुई थी, इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शनिवार को कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए चौटाला को दोषी करार दिया। उस वक्त कोर्ट में चौटाला भी मौजूद थे।

2005 में केस, 2010 में चार्जशीट दाखिल
सीबीआई ने 2005 में ओम प्रकाश चौटाला के ख‍िलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने 26 मार्च 2010 में मामले में अपनी चार्जशीट दायर की थी। इसमें 87 साल के चौटाला पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने 1993 से 2006 के बीच अपनी आय के वैधानिक स्रोतों के अलावा अज्ञात स्रोतों से 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई। यह वो समय था जब चौटाला मुख्यमंत्री के तौर पर हरियाणा का प्रशासन संभाल रहे थे।

जांच एजेंसी के मुताबिक, चौटाला ने इस बीच दिल्ली के असोला गांव में 95 लाख रुपये की लागत से एक फार्म हाउस भी बनाया था। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने इस आरोप का खंडन किया था और दलील दी थी कि संबंधित जमीन कृषि भूमि है और उस पर कोई फार्म हाउस नहीं है। चौटाला के दोनों बेटों पर भी आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप हैं।

लोक सेवक रहते हुए 6.09 करोड़ की अवैध कमाई
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नैशनल लोकदल के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया गया। 26 मार्च 2010 को सीबीआई ने चौटाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने तर्क दिया कि लोक सेवक के रूप में 24 मई 1993 से 31 मई 2006 के बीच चौटाला ने 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी जो कि उनकी वैध आय से काफी अधिक थी।

अवैध आय से तीन प्रॉपर्टी खरीदी
मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत मामले की जांच ईडी ने शुरू की जिसमें आरोप लगाया कि लोक सेवक के रूप में काम करते हुए चौटाला ने जो धन बनाया वह अवैध था और इसका इस्तेमाल उन्होंने संपत्ति खरीदने में किया। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऑन रेकॉर्ड मौजूद सबूतों के अनुसार, आरोपी ने अवैध आय का इस्तेमाल तीन संपत्तियों को खरीदने में किया और 95 लाख रुपये का इस्तेमाल निर्माण में किया गया।

3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
2019 में ईडी ने चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर दिया था। इसमें उनके दिल्ली, पंचकुला और सिरसा में मौजूद फ्लैट, एक प्लाट और जमीन शामिल था। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई हुई। जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास धुल ने मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट 2002 की धारा 4 के तहत चौटाला के खिलाफ आरोप तय किए।

क्यों टलती रही केस की सुनवाई?
चौटाला ने इस केस के ट्रायल के दौरान कई आधारों पर स्थगन की मांग की। कभी हार्ट के लिए पेसमेकर लगवाना हो, सर्जरी हो, समन न जारी होना, कोर्ट को बिना बताए अस्पताल में भर्ती होना वगैरह। मार्च 2013 में दिल्ली कोर्ट ने चौटाला के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में सूचित न करने पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

चौटाला आरएमएल अस्पताल में भर्ती हुए थे और इसके चलते आय से अधिक संपत्ति मामले के ट्रायल में पेश नहीं हुए थे। कोर्ट ने इस मामले में जेल सुपिरिंटेंडेंट को नोटिस भी जारी किया था और चौटाला के हेल्थ स्टेटस पर रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट की तरफ से चौटाला के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था।

शिक्षक भर्ती घोटाले में भी हुई सजा
इससे पहले 22 जनवरी 2013 को चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोपों पर दोषी करार दिए जा चुके हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सात साल की सजा और आपराधिक साजिश के आरोप में 10 साल की सजा हुई। ओपी चौटाला के अलावा उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य को जेबीटी केस में दोषी करार दिया गया था।

पिछले साल सजा काटकर आए बाहर
2000 में हरियाणा में 3,206 टीचरों की अवैध भर्ती के लिए जेबीटी स्कैम में कुल 55 दोषी करार हुए थे। दोषियों में चौटाला के तत्कालीन पॉलिटिकल अडवाइजर शेर सिंह बादशामी, तत्कालीन ओएसडी विद्याधर आईएएस, और तत्कालीन प्राइमरी एजुकेशन डायरेक्टर संजीव कुमार भी शामिल थे। पिछले साल 2 जुलाई को सजा पूरी करने के बाद ओपी चौटाला तिहाड़ जेल से रिहा हो गए थे। चौटाला ने हाल ही में 87 साल की उम्र में हरियाणा बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की थी।



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