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हाइलाइट्स

  • ओबीसी लिस्ट से संबंधित बिल राज्यसभा में पास
  • लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है बिल
  • राज्यों के पास होगा OBC लिस्ट बनाने का अधिकार

नई दिल्ली
राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाला ‘संविधान (127वां संशोधन ) विधेयक, 2021’ बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही राज्य अपने यहां ओबीसी जातियों की लिस्ट खुद तैयार करा सकेंगे। इसके लिए राज्यों को केंद्र पर नहीं निर्भर रहना होगा।

सरकार को विपक्ष का मिला साथ
लोकसभा में बिल यह बिल पहले ही पास हो चुका है, अब राज्यसभा से भी यह पास हो गया। विपक्षी दलों ने इस बिल पर सरकार का समर्थन करने की बात कही थी, जिसके बाद
इस संशोधन विधेयक का पास होना तय माना जा रहा था। राज्यसभा में इस बिल पर शांति से चर्चा हुई और इस विपक्षी सदस्यों ने कोई हंगामा नहीं किया। मॉनसून सत्र में यह दूसरी बार है जब इस उच्च सदन में चर्चा के दौरान हंगामा नहीं हुआ।

राज्यों को मिलेगा ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार
केंद्र सरकार जो संशोधन विधेयक लेकर आई है, उसमें प्रावधान है कि राज्य सरकारें अब अपने यहां ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगी। यानी अब राज्यों को किसी जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा। इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें अपने यहां किसी जाति को ओबीसी समुदाय में शामिल कर पाएगी।

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‘पुरानी गलती सुधार रही सरकार’

कांग्रेस ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि एक पुरानी गलती ठीक की गई है। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, देर आए दुरुस्त आए। 2018 में संशोधन लाकर देश के हर राज्य का अधिकार क्षेत्र खत्म केंद्र ने खत्म कर दिया था। वही गलती अब सरकार सुधार रही है।’

सिंघवी ने केंद्र पर जातीय जनगणना से दूर भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘आप जातीय जनगणना से दूर क्यों भाग रहे हैं? क्यों कतरा रहे हैं? बिहार के मुख्यमंत्री और ओडिशा के मुख्यमंत्री भी इसके पक्ष में हैं। कल तो आपकी एक सांसद ने भी इसके समर्थन में बात कही है। फिर सरकार चुप क्यों बैठी है। सरकार ने अभी तक स्पष्ट क्यों नहीं किया। आप नहीं करना चाहते तो भी कह दीजिए।’

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देवेगौड़ा बोले- अब महिला आरक्षण पर विचार का समय

चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सदस्य संजय राउत ने इसे ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विधेयक करार दियाष उन्होंने कहा कि इससे राज्यों को अधिक अधिकार मिल सकेंगे तथा वे आरक्षण देने के लिए अपनी सूची तैयार कर सकेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एवं जेडीएस के नेता एच डी देवेगौड़ा ने विधेयक की सराहना करते हुए कहा पिछले सत्र में प्रधानमंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी। सरकार को महिला आरक्षण के बारे में भी सोचना चाहिए। यह समय की मांग है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया बिल
उच्च सदन में यह विधेयक चर्चा करने और पारित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया। उन्होंने प्रधानमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों का, इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करने के लिए सहमति बनाने को लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से , देश भर में कुल ओबीसी आबादी में करीब बीस फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले 671 समुदायों के लिए मददगार होगा।

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सांकेतिक तस्वीर



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By admin