Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>


हाइलाइट्स

  • हर हफ्ते दो से तीन बैच में सैंपल्स की हो रही सीक्वेंसिंग, एक बैच में 10 से 12 सैंपल लिए जा रहे हैं
  • नए वैरियंट की पहचान के मकसद से लोकनायक और आईएलबीएस में शुरू हुई थी जीनोम सीक्वेंसिंग लैब

नई दिल्‍ली
भले ही दिल्ली में कोरोना वायरस का अब कोई नया वैरियंट न आया हो, लेकिन इसकी पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग लगातार जारी है। लोकनायक और आईएलबीएस में बनी जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में अभी भी हफ्ते में दो से तीन बैच में सैंपल्स की सीक्वेंसिंग चल रही है। राहत की बात यह है कि लगातार हो रही सीक्वेंसिंग में किसी भी नए वैरियंट की पहचान नहीं हुई है। सभी में फिलहाल डेल्टा वैरियंट ही देखने को मिल रहा है।

लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि एक हफ्ते में दो से तीन बैच में सैंपल की सीक्वेंसिंग की जा रही है। एक बैच में 10 से 12 सैंपल होते हैं। ये सभी सैंपल अलग-अलग लोगों से लिए जाते हैं। अभी तक जितने भी सैंपल्स की सीक्वेंसिंग हुई है, सभी में डेल्टा वैरियंट ही मिला है। अगर कभी कोई नया वैरियंट मिलता है तो तुरंत उस पर डिटेल तैयार की जाएगी और सरकार तक रिपोर्ट पहुंचाने के बाद सख्ती भी शुरू हो सकती है।

गनीमत है कि अभी कोई नया वैरियंट नहीं मिला है। उनका कहना है कि सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट पांच से सात दिन में उपलब्ध हो रही है जबकि पहले इसी रिपोर्ट के लिए 15 से 20 दिन और कई बार इससे भी ज्यादा इंतजार करना पड़ता था। तब सीक्वेंसिंग के सैंपल्स को एनसीडीसी की लैब में भेजा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

Coronavirus India : देश में 188 दिन बाद सबसे कम एक्टिव मरीज, पिछले 24 घंटे में आए 31,382 केस

कुछ महीने सीएम ने इन दोनों लैब का उद्घाटन किया
वहीं, आईएलबीएस अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके यहां हफ्ते में दो बैच की सीक्वेंसिंग की जा रही है। प्रत्येक बैच में 12 से 15 सैंपल लिए जा रहे हैं और यहां भी अभी तक किसी नए वैरियंट की पहचान नहीं हुई है। जिनके सैंपल लिए जा रहे हैं, उनकी भी स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है। हल्के लक्षण वाले लोग ही हैं।

कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन दोनों लैब का उद्घाटन किया था। सेकेंड वेव में जिस तरह से नए वैरियंट ने तबाही मचाई थी, उसे देखते हुए नए वैरियंट की तुरंत पहचान करने के मकसद से इन लैब को शुरू किया गया था। राजधानी में स्थिति कंट्रोल में होने के बावजूद दोनों ही लैब में सीक्वेंसिंग जारी है।

कोविड के 30 दिनों के भीतर आत्महत्या मामले में भी मु‌आवजा का प्रावधान, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

नए वैरियंट की फिलहाल चिंता कम
कालरा अस्पताल के डॉ अंकित कालरा का कहना है कि देश में फिलहाल किसी नए वैरियंट के आने की उम्मीद कम है क्योंकि कई बड़े देश हैं जो अभी भी डेल्टा वैरियंट से ही प्रभावित हैं। इनमें अमेरिका और यूके जैसे देशों का नाम शामिल हैं। भारत में डेल्टा वैरियंट अप्रैल-मई के दौरान ही कहर बरपा चुका है।

साथ ही भारत में या अन्य किसी देश में नए वैरियंट की अब तक पहचान नहीं हुई है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि फिलहाल नए वैरियंट को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहां तक की अब तीसरी वेव की संभावनाएं भी कम हो रही हैं।

कोरोना वायरस

कोरोना वेरिएंट से मंडरा रहा है खतरा



Source link

By admin