सुप्रीम कोर्ट में मृतक गुरुनाम सिंह के परिजनों की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि सिद्धू की सजा कम नहीं की जानी चाहिए। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी को सिद्धू से जवाब दाखिल करने को कहा था। सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में गैर इरादातन हत्या मामले में बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को विक्टिम के साथ मारपीट मामले में दोषी करार दिया था और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में विक्टिम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई है।
याचिका में कहा गया है कि रोड रेज मामले में सिद्धू की सजा कम नहीं की जानी चाहिए। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में बरी कर दिया था लेकिन चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
‘याचिका मेरिट में नही है’
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने सजा बढ़ाने की मांग की। वहीं सिद्धू की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि याचिका में मेरिट नहीं है। इस मामले में ये नहीं कहा जा सकता है कि जानबूझकर मारा गया था। सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में डिटेल ऑर्डर पास किया है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।