पीएम मोदी ने कहा, ‘सामाजिक अवसंरचना पर हमारा जोर सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय के सिद्धांत पर हमारी तवज्जों का संकेत है।’ मई 2021 में डीएमके के सत्ता संभालने के बाद यह प्रधानमंत्री का तमिलनाडु में पहला आधिकारिक कार्यक्रम था। पीएम मोदी ने एक विशेष स्थान के रूप में तमिलनाडु की प्रशंसा की और तमिल भाषा को शाश्वत और उसकी संस्कृति को वैश्विक बताया। मोदी ने तमिल की प्रशंसा में राष्ट्रवादी कवि सुब्रमण्य भारती की एक लोकप्रिय कविता का जिक्र किया और कहा कि हर क्षेत्र में तमिलनाडु के किसी व्यक्ति ने अग्रणी भूमिका निभाने का कार्य किया।
स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा कि तमिलनाडु न केवल आर्थिक और अन्य संबंधित कारकों में बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और महिला सशक्तिकरण में भी अग्रणी है। ‘संक्षेप में, तमिलनाडु समावेशी विकास वाला राज्य है। इसे ही हम द्रविड़ मॉडल कहते हैं।’ यहां मोदी की अगवानी करते हुए स्टालिन ने तमिल महाकाव्य ‘सिलापथिकारम’ की एक प्रति भेंट की। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में तमिलनाडु के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में राज्य की हिस्सेदारी 9.22 फीसदी है। केंद्र की कुल कर आय में तमिलनाडु की हिस्सेदारी छह प्रतिशत है।
राज्य के अन्य आर्थिक मानकों का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार को देश के विकास और अर्थव्यवस्था में तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों की ओर से दिए गए योगदान के साथ न्याय करने के लिए योजनाओं और निधि आवंटन में अपना योगदान बढ़ाना चाहिए। सिर्फ तभी सहकारी संघवाद की सच्ची भावना बरकरार रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा, ’15 मई 2022 तक तमिलनाडु का जीएसटी मुआवजा 14,006 करोड़ रुपये है। मैं अनुरोध करता हूं कि इसे तुरंत जारी किया जाए। ऐसे समय में जब कई राज्यों का राजस्व अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है, मैं मांग करता हूं कि जीएसटी मुआवजे की अवधि को जून 2022 से कम से कम दो साल और बढ़ाया जाए।’
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स्टालिन ने कहा, 1974 में भारत द्वारा श्रीलंका को सौंपे गए द्वीप कच्चातीवू को पुनः प्राप्त करने का यह सही समय है। उन्होंने कहा कि यह मछुआरों की समस्याओं का समाधान है और यह उस क्षेत्र में मछली पकड़ने के उनके पारंपरिक अधिकारों को बनाए रखेगा। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘वणक्कम’ से की और आयोजन में तमिलनाडु की ‘बहनों और भाइयों’ का स्वागत करते हुए कहा कि तमिल भाषा शाश्वत है और इसकी संस्कृति वैश्विक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र तमिल भाषा और संस्कृति को और लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस साल जनवरी में, पूरी तरह से केंद्र की ओर से वित्त पोषित ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ क्लासिकल तमिल’ के नए परिसर का चेन्नई में उद्घाटन किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर ‘सुब्रमण्य भारती पीठ’ की घोषणा की ओर भी इशारा किया। फ्रांस में कान्स फिल्म समारोह की ओर इशारा करते हुए, मोदी ने कहा, ‘इस महान मिट्टी तमिलनाडु के पुत्र, थिरु एल मुरुगन (केंद्रीय मंत्री) ने पारंपरिक तमिल पोशाक में रेड कार्पेट पर कदम रखा और इसने पूरी दुनिया में तमिल को बहुत गौरवान्वित किया।’ मंच पर मौजूद मुरुगन खड़े हुए और हाथ जोड़कर मोदी को धन्यवाद दिया।