जानिए क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
-हरियाणा निवासी मेडिकल छात्र प्रदुल शर्मा ने बताया कि, यूक्रेन के खारकीव यूनिवर्सिटी का तीसरे वर्ष का छात्र हूं। सरकार का धन्यवाद कि उन्होंने हमें यूक्रेन से निकाला। लेकिन अब सरकार से हम गुजारिश करते हैं कि हमारा भविष्य सुरक्षित करें। हमारी सरकार से मांग है कि हमें यहीं एडजस्ट किया जाए। भारत में बहुत सारे मेडिकल कॉलेज हैं हमारी पढ़ाई यहीं आगे शुरू करवाई जाए।
-जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे शुभम जो कि टेरनोपिल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र है, बताया कि, हमें बताया जा रहा है कि ऑनलाइन कोर्स चल रहा है। चौथे वर्ष का छात्र हूं इस वर्ष हमें अस्पताल जाना होता है, मरीजों को खुद देखना होता है। लेकिन ऑनलाइन में यह सब मुमकिन नहीं है।
– स्टूडेंट्स ने कहा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के एक रूल के मुताबिक, हम छात्र एक देश से दूसरे देश ट्रांसफर ले सकते हैं। लेकिन एक साल पहले ही एनएमसी ने यह रूल बंद कर दिया है। यदि सरकार हमारा ट्रांसफर भारत में करती है और पढ़ाई चालू रखवाती है तो एनएमसी को अपने रूल में बदलाव करना होगा।