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latest update on delhi-ncr pollution after diwali: delhi pollution daily report


प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में इस बार भी आतिशबाजी हुई और पंजाब-हरियाणा में पराली भी जली। इनके बावजूद यह 8 वर्षों में सबसे साफ दिवाली रही। आबोहवा में प्रदूषण को नापने वाला इंडेक्स AQI दिल्ली में दिवाली के अगले दिन साल 2015 के बाद सबसे कम रहा। यह मंगलवार को 303 दर्ज किया गया। वहीं, एनसीआर के शहरों में यह 266 से 299 के बीच रहा। गुड़गांव और गाजियाबाद में दिवाली का अगला दिन 5 साल में सबसे साफ तो फरीदाबाद में 8 साल में सबसे साफ रहा। जानकारों का कहना है कि इसकी वजह, दिवाली का इस बार जल्दी आना, तेज हवाओं का चलना, आतिशबाजी का अन्य वर्षों की तुलना में कम होना और पराली के धुएं वाली हवाओं का न पहुंचना रहा। यों तो दिवाली की रात लोगों ने 8 बजे से ही आतिशबाजी शुरू कर दी थी। इस कारण से धुएं का गुबार देर रात तक छाया रहा। लेकिन फिर हवाओं के तेज होने से प्रदूषण में कमी आने लगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछली दिवाली की तुलना में इस बार 30% कम आतिशबाजी हुई। यही वजह है कि दिवाली के अगले दिन हवा की क्वॉलिटी 5 वर्षों में सबसे ठीक रही।

​अगर ऐसी आतिशबाजी नवंबर वाली दिवाली में होती तो घुट जाता दम

राजधानी में हुई कम (पिछले वर्षों के मुकाबले) आतिशबाजी, दिवाली के जल्दी आने और मौसम के साथ देने की वजह से 8 सालों की सबसे साफ दिवाली रही। इसके बावजूद, आतिशबाजी के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 800 एमजीसीएम से अधिक दर्ज हुआ। इस प्रदूषण को हवाओं ने ज्यादा देर टिकने नहीं दिया। सुबह से ही प्रदूषण के स्तर में कमी आने लगी। सुबह 8 बजे जो एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 326 था वह महज 303 पर सिमट गया। दिवाली की रात लोगों ने 8 बजे से आतिशबाजी शुरू कर दी। इसकी वजह से काफी देर तक धुएं का गुबार राजधानी पर छाया रहा। एक्सपर्ट के अनुसार, इस बार आतिशबाजी में थोड़ी बहुत कमी रही लेकिन 8 से 10 बजे के बीच आतिशबाजी की तीव्रता अधिक रही। यदि इस तरह की आतिशबाजी नवंबर वाली दिवाली में होती तो यह राजधानी का दम घोटने के लिए पर्याप्त थी।

​मौसम और हवाओं ने दिया साथ, वरना…

एनसीएपी ट्रैकर के अनुसार, सीपीसीबी के मॉनिटरिंग स्टेशन के अनुसार 33 जगहों पर 2021 की तुलना में पीएम 2.5 के स्तर में कमी आई है, लेकिन यह मानकों से अधिक रहा। 24 अक्टूबर को आठ बजे एक्यूआई 301 रहा था। यह दिवाली के अगले दिन बढ़कर 326 पर पहुंच गया। एनसीएपी ट्रैकर के अनुसार, 2021 में 4 नवंबर को दिवाली थी। उस दिन एक्यूआई 320 दर्ज हुआ था। 5 नवंबर की सुबह यह 317 था। सफर के अनुसार, सोमवार रात करीब 10 बजे पीएम 10 का स्तर 257 एमजीसीएम और पीएम 2.5 का स्तर 150 एमजीसीएम था। यह रात डेढ़ बजे बढ़कर 295 और 189 एमजीसीएम हो गया। सफर के डायरेक्टर डॉ. गुफरान बेग ने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे के आसपास एक्यूआई 330 से 360 के आसपास चल रहा था। यह 2015 से अब तक की सबसे साफ दिवाली है। इसकी चार मुख्य वजह हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण यह है कि अभी हवाएं पराली जलाने वाली दिशा से नहीं आ रही हैं। इसलिए पराली का प्रदूषण महज 5 से 8 प्रतिशत रहा। पिछले साल के मुकाबले इस समय तापमान अधिक है। हवाओं की गति भी 9 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास बनी रही। इसकी वजह से रात दो बजे के बाद प्रदूषण कम होना शुरू हो गया। क्लाइमेट ट्रेंड की डायरेक्टर आरती खोसला ने बताया इस बार राजधानी में दिवाली के बाद उतना प्रदूषण नहीं बढ़ा है। हालांकि पटाखों पर प्रतिबंध पूरी तरह खोखला दिखा। इसके बावजूद प्रदूषण कम होने की वजह यही रही कि मॉनसून के लेट जाने और बीच-बीच में बारिश के आने से फसलों की कटाई देरी से हुई।

​आतिशबाजी, धुएं का गुबार और शोर…

दिवाली की रात 8 से 11 बजे तक कई इलाकों में जमकर आतिशबाजी हुई। धुंए का गुबार रात भर राजधानी पर छाया रहा। पटाखों पर बैन का कोई असर दिखाई नहीं दिया। कुछ जगहों पर हालात ऐसे रहे कि शाम 7 बजे से रात 11 बजे के बीच प्रदूषण का स्तर दो गुणे से भी अधिक बढ़ गया। डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी) के मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले रियल टाइम डाटा की समीक्षा कर एनबीटी ने दिवाली के रात प्रदूषण के बढ़ते स्तर की समीक्षा की। इसके मुताबिक राजधानी में ओखला फेज-2 और जहांगीरपुरी में हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। वहीं, नजफगढ़ में प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा। कई इलाकों में आतिशबाजी के प्रभाव से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा। नेहरू नगर में शाम 7 बजे पीएम 2.5 का स्तर 122 एमजीसीएम था। यह 12 बजे बढ़कर 943 एमजीसीएम पर पहुंच गया। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 7 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 91 थी, जो 12 बजे के बाद बढ़कर 738 एमजीसीएम तक पहुंच गई। कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 7 बजे पीएम 2.5 का स्तर महज 108 था, जो 11 बजे बढ़कर 886 एमजीसीएम हो गया। यह वह इलाके रहे, जहां प्रदूषण का स्तर महज 4 घंटों में 7 से 9 गुना तक बढ़ गया।

​ओखला फेज-2 और जहांगीरपुरी रहा सबसे प्रदूषित क्षेत्र

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राजधानी का सबसे प्रदूषित इलाका ओखला फेज-2 शामिल रहा। यहां पीएम 2.5 का स्तर 1000 एमजीसीएम को पार कर गया। यह राजधानी का इकलौता ऐसा स्टेशन रहां, जहां पीएम 2.5 इस स्तर पर पहुंचा। यहां 12 बजे पीएम 2.5 का स्तर 1042 एमजीसीएम तक पहुंच गया। यह सामान्य से 17 गुणा अधिक है। जहांगीरपुरी में पीएम 10 का स्तर रात 11:35 बजे से पूर्व ही 1296 एमजीसीएम और पीएम 2.5 का स्तर 964 एमजीसीएम तक पहुंच गया। पीएम 2.5 का स्तर यहां सामान्य से 16 गुणा अधिक रहा। हैरानी यह रही कि यहां मंगलवार को पीएम 10 का स्तर दोपहर 12 बजे 4985 एमजीसीएम दर्ज हुआ। वहीं, विवेक विहार में भी पीएम 10 का स्तर रात 12 बजे से पूर्व ही 1306 और पीएम 2.5 का स्तर 961 एमजीसीएम तक पहुंच गया।

​यह रहे सबसे साफ इलाके

आतिशबाजी से अलग राजधानी में कुछ इलाकों में प्रदूषण काफी कम रहा। नजफगढ़ दिवाली की रात सबसे साफ इलाका रहा। यहां रात 2 बजे पीएम 2.5 का स्तर महज 163 एमजीसीएम रहा। वहीं, अलीपुर में पीक प्रदूषण 294 एमजीसीएम रहा। सीआरईए (सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर) के सीनियर एनालिस्ट सुनील दहिया के अनुसार सीपीसीबी के डाटा के अनुसार दिवाली की रात कई स्टेशनों पर पीएम 2.5 का स्तर रात दस से एक बजे के बीच 950 एमजीसीएम तक पहुंच गया था। इस बार दिवाली का जल्द पड़ना, बेहतर मौसम और आतिशबाजी कम होने के बावजूद प्रदूषण इतना अधिक रहा। यह लगभग 2019 की दिवाली के बराबर ही रहा है। 2019 में दिवाली 27 अक्टूबर को थी।

​‘कानफाड़’ पटाखे!

रिहायशी इलाकों में पटाखों के शोर के बीच रात 9 से 10 बजे तक ध्वनि प्रदूषण अपने सबसे अधिक स्तर पर दर्ज हुआ। रिहायशी के अलावा साइलेंस जोन, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एरिया में भी ध्वनि प्रदूषण काफी अधिक बढ़ गया था। जानकारी के मुताबिक, जहांगीरपुरी में रात 9 बजे ध्वनि प्रदूषण का स्तर 81.8 डेसिबल्स (डीबी) दर्ज हुआ। मानकों के अनुसार यह 55 डीबी तक रहना चाहिए। इस मामले में दूसरे नंबर पर अशोक विहार रहा। यहां 10 बजे ध्वनि प्रदूषण 79.1 डीबी रहा। वहीं सबसे कम शोर लोदी रोड में रहा। यहां रात आठ बजे पीक स्तर पर यह 66.4 डीबी रहा।

​साइलेंस जोन में भी नहीं बचा

अस्पतालों, स्कूलों आदि को साइलेंस जोन माना जाता है। इन जगहों पर भी दिवाली की रात प्रदूषण मानकों से अधिक रहा। रोहिणी में रात दस बजे ध्वनि प्रदूषण अपने पीक स्तर 75.3 डीबी पर पहुंच गया। वहीं अरबिंदो मार्ग और पूठ खुर्द में यह पीक 8 आठ और शाम 6 बजे रहा। उक्त समय प्रदूषण का स्तर दोनों जगह 74.3 डीबी रहा। साइलेंस जोन में नजफगढ़ में ध्वनि प्रदूषण सबसे कम रहा। यहां पर 9 बजे प्रदूषण का पीक 59.5 डीबी रहा। तय मानकों के अनुसार, साइलेंस जोन में यह 55 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए।

इंडस्ट्रियल एरिया

पटपड़गंज में ध्वनि प्रदूषण दोपहर तीन बजे पीक पर 81.5 डीबी पहुंच गया। इसके बाद यह इससे कम ही रहा। वजीरपुर में रात 9 बजे ध्वनि प्रदूषण का पीक 79.6 डीबी रहा। कमर्शियल जगहों की बात करें तो करोल बाग में रात 9 बजे प्रदूषण का पीक 88.2 डीबी रहा। वहीं लाजपत नगर में 10 बजे ध्वनि प्रदूषण का पीक 84.8 डीबी रहा। तय मानकों के अनुसार यह 65 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए।



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By admin