नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने केंद्र सरकार से गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) रोधी स्वदेशी टीका ‘क्यूएचपीवी’ को बनाने और इसके स्टोरेज की अनुमति मांगी है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि क्वाड्रीवैलेंट ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (क्यूएचपीवी) टीके के दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण हो चुका है, ताकि देश में इसकी जल्द उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही टीका बनाने का लाइसेंस और बाजार संबंधी मंजूरी भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से लेगी।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे पत्र में एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि क्यूएचपीवी टीके को बनाने में पांच-छह महीने लगते हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने सिंह के हवाले से पत्र में कहा, ‘हम देश के नागरिकों के लिए इस जीवन रक्षक टीके की जल्द उपलब्धता को देखते हुए अपने जोखिम पर क्यूएचपीवी का निर्माण और भंडारण करने के लिए तैयार हैं।’ बिहार : IAS, BDO, प्रिंसिपल, प्रफेसर, इंजीनियर, टीचर, क्लर्क… BPSC के कितने गुनहगार? जानिए एक-एक सच्चाई आवेदन में कहा गया है कि हर साल लाखों महिलाओं को गर्भाशय (सर्विकल) का कैंसर होता है और इस मामले में मृत्यु दर बहुत अधिक है। भारत में गर्भाशय कैंसर 15 साल से 44 साल की उम्र वर्ग की महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। सिंह ने पत्र में लिखा, ‘वर्तमान में हमारा देश गर्भाशय कैंसर के टीके के लिए पूरी तरह से विदेशी निर्माताओं पर निर्भर है, हमारे देश के नागरिक इन टीकों को बहुत अधिक कीमत पर खरीदने के लिए बाध्य हैं।’
सीमेंट कारोबार के ‘किंग’ बने गौतम अडाणी, अंबुजा और ACC का किया टेकओवर उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि ‘हम आईएसएस के सीईओ अदार सी पूनावाला के नेतृत्व में विश्व स्तरीय गर्भाशय कैंसर रोधी टीका (क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस टीका) उपलब्ध कराने के लिए पांच साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं।’ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई ‘ मेकिंग इन इंडिया फॉर दी वर्ल्ड’ और ‘सबके लिए किफायती टीके’ की अपील के अनुरूप, हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि इस साल क्यूएचपीवी टीका भारत समेत दुनिया में बड़े पैमाने पर उपलब्ध होगा।