डोभाल ने अफगानिस्तान के लिए कही बड़ी बात
बहरहाल, डोभाल ने वहां आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने में अफगानिस्तान की मदद करने और उसकी क्षमता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत हमेशा से ही काबुल का एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है और भविष्य में भी रहेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादी समूह क्षेत्रीय सुरक्षा तथा शांति के लिए बड़ा खतरा हैं, इसलिए सभी देशों को इसका मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की मदद करनी चाहिए। डोभाल ने कहा, ‘अफगानिस्तान के लोगों के साथ सदियों से भारत के विशेष संबंध रहे हैं और कैसी भी परिस्थितियां हों, भारत का दृष्टिकोण अफगानिस्तान को लेकर नहीं बदल सकता।’
अफगानिस्तान पर मीटिंग से पाकिस्तान नदारद
अफगानिस्तान पर चौथे क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद की बैठक में ताजिकिस्तान, रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान, किर्गिजस्तान और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी हिस्सा लिया जबकि पाकिस्तान इस मीटिंग से नदारद रहा है। डोभाल ने यहां अपने क्षेत्रीय समकक्षों के साथ युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान और क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा करते हुए जोर देकर कहा कि भारत अफगानिस्तान का एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है और भविष्य में भी रहेगा। सूत्रों के मुताबिक डोभाल समेत विभिन्न देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने तथा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने की जरूरत को रेखांकित किया।
आतंकवाद पर भारत को दो टूक
डोभाल ने कहा, ‘आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने में, क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद में मौजूद सभी देशों के सहयोग की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता अफगानिस्तान में सभी लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा और सम्मानजनक जीवन के साथ-साथ उनके मानवाधिकारों की सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मानवीय सहायता सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत सभी दायित्वों का निर्वहन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’
हर तरह से मदद कर रहा भारत
डोभाल ने कहा कि भारत ने पिछले कई दशकों के दौरान अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी (संचार के साधनों) को बढ़ाने और मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति करने की कुल प्रतिबद्धता में से 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान को उपलब्ध करा चुका है। इसके अलावा भारत ने कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन की पांच लाख खुराक, 13 टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं और सर्दियों के कपड़ों के साथ-साथ पोलियो टीके की छह करोड़ खुराक अफगानिस्तान को प्रदान की है।
तालिबान को भी संकेतों में सुना गए डोभाल
डोभाल ने अफगानिस्तान के विकास में महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व की आवश्यकता भी रेखांकित की ताकि अफगानिस्तान की आबादी के सबसे बड़े संभावित अनुपात की सामूहिक ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित महसूस करे। उन्होंने कहा, ‘महिलाएं और युवा किसी भी समाज के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। अफगानिस्तान में लड़कियों को शिक्षा और महिलाओं तथा युवाओं को रोजगार का प्रावधान, उत्पादकता और विकास सुनिश्चित करेगा। इसका सकारात्मक सामाजिक प्रभाव भी होगा जिसमें युवाओं के बीच कट्टरपंथी विचारधाराओं को हतोत्साहित करना शामिल है।’ उन्होंने कहा, ‘क्षेत्रीय संवाद सदस्यों के सामूहिक प्रयासों से हम एक बार फिर से समृद्ध और जीवंत राष्ट्र के निर्माण में अफगानिस्तान के गौरवान्वित लोगों की मदद कर सकते हैं।’ डोभाल ने बैठक के इतर ईरान, ताजिकिस्तान और रूस के अपने समकक्षों तथा वार्ता में शामिल अन्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात की।
गौरतलब है कि भारत ने नवंबर 2021 में नई दिल्ली में अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद की मेजबानी की थी जिसमें ईरान और रूस सहित आठ देशों ने भाग लिया था। इस मंच का उद्देश्य पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवाद, कट्टरपंथ, मादक द्रव्यों की तस्करी आदि के बढ़ते खतरों से निपटने में व्यवहारिक सहयोग के लिए साझा प्रयासों को मजबूत बनाना है।
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)