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Lakhimpur Violence Case Updates, Supreme Court Will Hear Plea Reagrding Ashish Mishra Bail Plea: लखीमपुर खीरी मामले में सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेगा सुप्रीम कोर्ट, बुधवार को सुनवाई


नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) की सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तैयार हो गया है। इसके लिए एक बेंच का गठन किया जाएगा और बुधवार को इसपर सुनवाई होगी। आरोपी आशीष मिश्रा (Aashish Mishra) को मिली जमानत के खिलाफ दाखिल याचिका से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे और इसके साथ ही सुनवाई बुधवार के लिए टाल दी।

सुप्रीम कोर्ट में यह मामला उठाते हुए कहा गया कि मामले के मुख्य गवाह पर अटैक किया गया है और अटैक करने वाले कह रहे हैं कि बीजेपी जीत चुकी है और हम उन्हें देख लेंगे। आशीष मिश्रा, केंद्रीय राज्यमंत्री का बेटा है और मामले में उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HighCourt) से जमानत मिल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने मामला उठाया।

सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत कैंसिल करने की गुहार
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच को बताया गया कि कुछ किसानों पर अटैक किया गया है और उनमें एक मामले का मुख्य गवाह है। भूषण ने कहा कि आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अन्य सह आरोपियों द्वारा इसी आधार पर जमानत मांगी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत कैंसल करने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि लखीमपुर खीरी केस में छानबीन के मामले को दूसरी बेंच देख रही है ऐसे में बेहतर होगा कि इस मामले को वह बेंच देखे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार के लिए टाली जाती है ताकि उस बेंच का गठन किया जा सके। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 11 मार्च को उठाया गया था। याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhusan) ने मामला उठाते हुए कहा था कि कि मामले की अर्जेंट सुनवाई की जरूरत है। इस मामले में मुख्य गवाह पर गुरुवार रात अटैक किया गया है। लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिजनों ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे और आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

आरोपी आशीष को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी। इस फैसले को मृतक किसान के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत दिए जाने के फैसले पर रोक की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में तीन किसानों के परिजनों ने अर्जी दाखिल कर हाई कोर्ट के 10 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है और कहा है कि आदेश पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला कानून की नजर में टिकने वाला नहीं है। इस मामले में कोर्ट में राज्य की ओर से प्रभावकारी तरीके से केस को नहीं रखा गया है। राज्य की ओर से मामले में सारभूत दलीलें पेश नहीं की गई क्योंकि आरोपी के बेटे केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उसी पार्टी की राज्य में सरकार है।

‘हाईकोर्ट ने सबूतों पर नहीं दिया ध्यान’
याचिकाकर्ता ने कहा कि मामले में 31 जनवरी को चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी लेकिन आरोपी के खिलाफ जो सबूत चार्जशीट में थे वह हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान रेकॉर्ड में पेश नहीं किेए गए। हाई कोर्ट ने साक्ष्यों पर ध्यान नहीं दिया और उस पर विचार नहीं किया जो आरोपी के खिलाफ हैं। इस मामले में गवाहों को प्रभावित करने का अंदेशा है और कानून न्याय के राह में बाधा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी मामले में लेटर भेजकर मामला उठाने वाले शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट की जमानत संबंधित फैसले में खामियां हैं।



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By admin