स्कूल के पास पड़ा था महिला टीचर का पर्स
घटना के बार में स्थानीय लोगों ने बताया कि ये वारदात सुबह करीब 10 बजे हुई। आतंकियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद रजनी बाला का पर्स और जूती स्कूल के बाहर ही पड़ी थी। एक ग्रामीण ने बताया कि मैंने देखा कि टीचर के सिर में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि एक अन्य टीचर ने मदद के लिए उसे उठाया। गोपालपोरा ग्राम प्रधान ने कहा कि मैंने पुलिस को सूचना दी।
रोज 10 किलोमीटर पैदल जाती थी पढ़ाने
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रजनी बाला गोपालपोरा के हाईस्कूल में तैनात थी। वह रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने जाती थी। वह पिछले 5 साल से पढ़ा रही थीं। रजनी बाला ने आर्ट्स में मास्टर्स किया था। इसके अलावा उन्होंने बीएड और एमफिल की डिग्री भी ली थी।

पीएम पैकेज फेल है, टीचरों ने लगाए नारे
रजनी बाला की हत्या के बाद टीचरों ने विरोध प्रदर्शन किया। टीचरों का कहना था कि घाटी में पीएम पैकेज पूरी तरह से फेल है। कश्मीरी पंडितों ने विरोध में बीबी कैंट रोड को बाधित कर दिया। ये लोग खुद को जम्मू में रिलोकेट किए जाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि अभी ऐसा नहीं हुआ तो फिर से 90 के दशक वाला नरसंहार दोहराया जाएगा।
एक महीने में टारगेट किलिंग की 7वीं घटना
स्कूल टीचर रजनी की मौत के बाद स्थानीय लोगों में शोक का माहौल है। कश्मीर में एक महीने में टारगेट किलिंग की यह सातवीं घटना है। इससे पहले सेंट्रल कश्मीर के बड़गाम में एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके ऑफिस के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। भट को तीन सप्ताह पहले चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर आतंकवादियों ने मार गिराया था। उन्हें 2010-11 में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत एक क्लर्क की नौकरी मिली थी। वहीं, एक हफ्ते पहले, 35 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर अमरीन भट की बडगाम जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कहा था कि हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने किया था। इस महीने टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों में तीन ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी थे, जबकि चार आम लोग थे।