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हाइलाइट्स

  • लखनऊ में 22 नवंबर को किसानों की महापंचायत की तैयारी पूरी हो गई है
  • महापंचायत के लिए प्रदेश के जिलों से किसानों का दल रवाना होने लगा है
  • लखनऊ पुलिस ने भी इस आयोजन की सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की
  • महापंचायत में एमएसपी पर कानून और अजय मिश्रा की बर्खास्तगी रहेंगे मुद्दा

लखनऊ
कृषि कानूनों की वापसी समेत कई मांगों को लेकर एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत (Lucknow Kisan Mahapanchayat) बुलाई है। इस महापंचायत में एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा। इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

यूपी के अलग-अलग जिलों से रवाना होने लगा है किसानों का दल

इस बीच लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए प्रदेश के जिलों से किसानों का दल रवाना होने लगा है। लखनऊ के बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में होने वाली महापंचायत में आने वाले किसानों के खाने-पीने के लिए आयोजकों ने इंतजाम किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता ने बताया कि महापंचायत स्‍थल पर तीन बड़े लंगर लगाए गए हैं और जरूरत के हिसाब से एक और बड़ा लंगर लगाया जाएगा। किसानों को पीने के पानी के लिए टैंकर और पानी की बोतलों का इंतजाम किया गया है।

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पुलिस ने सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर कीं तैयारियां

उधर, पुलिस ने भी इस आयोजन की सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की है। लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने रविवार को बताया कि सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किए गए हैं और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि यातायात प्रबंधन के लिए भी व्यापक तैयारी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा।

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टिकैत ने दिया ‘चलो लखनऊ’ का नारा

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है। उन्होंने ‘चलो लखनऊ-चलो लखनऊ’ नारे के साथ रविवार को ट्वीट किया, ‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली और बनावटी हैं। इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है। कृषि और किसानों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा।’

MSP पर कानून और अजय मिश्रा की बर्खास्तगी बड़ा मुद्दा

इस संदर्भ में भाकियू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने रविवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे?’ वर्मा ने कहा कि जब तक एमएसपी को कानून बनाने और अजय कुमार को बर्खास्त करने के लिए कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

किसान महापंचायत में इन बिंदुओं पर भी होगी चर्चा

उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत में और भी कई बिंदुओं पर चर्चा होगी…जैसे कि बीजेपी ने कहा था कि सरकार बनने के बाद किसानों को गन्‍ना मूल्‍य का भुगतान 14 दिन के भीतर किया जाएगा, लेकिन यह व्यवस्था आज तक लागू नहीं हो सकी और साढ़े चार वर्ष में गन्‍ना मूल्‍य में मात्र 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि एसकेएम महापंचायत में आगे के कार्यक्रमों के बारे में फैसला लेगा। इस बीच प्रदेश के जिलों से किसानों का दल लखनऊ के लिए रवाना होने लगा है।

kisan mahapanchayat



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