कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दुनिया ने विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है, जबकि भारत ने ये काम 5000 वर्ष पहले ही शुरू कर दिया था। भारत की संस्कृति अपनी बुनियादी जड़ों से जुड़ी हुई है। भारत का पूरा दर्शन ही राम हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इंसान को नहीं देखती, बल्कि मानवता के अंदर दिव्यता के आधार पर उसे स्थान देती है।
खान ने कहा कि विश्व के इतिहासकार ये मानते हैं कि दुनिया में 5 सभ्यताएं सबसे पुरानी हैं। इसमें ईरानी सभ्यता अपने वैभव के लिए, रोम की सभ्यता सुदंरता के लिए, चीन की सभ्यता कौशल और कानून के प्रति सम्मान के लिए और तुर्की की सभ्यता बहादुरी के लिए जानी जाती है, लेकिन इन सबसे अलग भारत की सभ्यता ज्ञान और प्रज्ञा के लिए जानी जाती है। उन्होंने कहा कि आज राम के जीवन से प्रेरणा लेकर धार्मिक समाज बनाने की आवश्यकता है, जिसमें शक्तिशाली व्यक्ति अपना ये दायित्व समझें कि कमजोर व्यक्ति को भी सम्मान के साथ जीने का हक मिलना चाहिए।
राम का जीवन है धर्म की असली पहचान: प्रो. संजय द्विवेदी
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि श्रीराम धर्म के साक्षात स्वरूप हैं। अगर आपको धर्म के किसी अंग को देखना है, तो राम का जीवन देखिए। आपको धर्म की असली पहचान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राम उत्तर में जन्मे और दक्षिण में उन्होंने धर्म की पताका फहराई। राम पूरे देश में समाए हुए हैं, क्योंकि राम लोगों को जोड़ते हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि राम का होना मर्यादाओं का होना है। राम आदर्श पुत्र, भाई और न्यायप्रिय नायक हैं। भारतीय जनमानस में राम का महत्व इसलिए नहीं है कि उन्होंने जीवन में इतनी मुश्किलें झेलीं, बल्कि उनका महत्व इसलिए है कि उन्होंने उन तमाम कठिनाइयों का सामना बहुत ही सहजता से किया। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अपने सबसे मुश्किल क्षणों में भी उन्होंने स्वयं को बेहद गरिमापूर्ण रखा।
भारतीयता के ब्रांड एंबेसडर हैं राम: डॉ. प्रदीप दीक्षित
इस मौके पर प्रसिद्ध लाइफ कोच एवं उत्कर्ष अकादमी कानपुर (Utkarsh Academy Kanpur) के निदेशक डॉ. प्रदीप दीक्षित ने कहा कि प्रवासी देशों में भारतवंशियों को संबल देने का काम राम ने किया है। आज विश्व के 60 देशों में रामकथा एवं 24 देशों में रामलीला का आयोजन किया जाता है। राम विश्व में भारतीयता के ब्रांड एंबेसडर हैं।
रामायण का देश है मॉरीशस: डॉ. सरिता बुद्धू
भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन मॉरीशस (Bhojpuri Speaking Union Mauritis) की चेयरमैन डॉ. सरिता बुद्धू ने कहा कि मॉरीशस को रामायण का देश कहा जाता है। बहुत पहले मजदूर अपने साथ रामायण लेकर मॉरीशस गए थे। तब से वहां हर चीज में रामायण का पाठ किया जाता है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस में रामायण को श्रद्धा का ग्रंथ और भगवान राम को प्रेरक पुरुष माना जाता है।