कपिल सिब्बल के बयान में ऐसा क्या है
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह घर की कांग्रेस नहीं, बल्कि सबकी कांग्रेस चाहते हैं। सिब्बल ने आगे कहा कि मैं सबकी कांग्रेस के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगा। कपिल सिब्बल ने अपने इंटरव्यू में कहा कि 2014 के से अब तक 177 सांसद, विधायक और 222 उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। किसी भी पार्टी ने इतना बड़ा पलायन नहीं देखा।
सिब्बल ने इस साक्षात्कार में यह भी कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अध्यक्ष पद पर न होते हुए भी अध्यक्ष हैं, जो सभी निर्णय लेते हैं। उन्होंने सीडब्बल्यूसी (CWC Meeting) का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा नामित इकाई उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें पार्टी की कमान नहीं संभालनी चाहिए।
‘संघ और भाजपा की भाषा बोल रहे हैं सिब्बल’
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर (Manickam Tagore) ने सिब्बल की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस और भाजपा क्यों चाहते हैं कि नेहरू-गांधी नेतृत्व से अलग हो? क्योंकि गांधी परिवार के नेतृत्व के बिना कांग्रेस, जनता पार्टी बन जाएगी। इस तरह से कांग्रेस को खत्म करना आसान होगा और फिर से आइडिया ऑफ इंडिया (भारत के विचार) को खत्म करना आसान होगा। कपिल सिब्बल यह जानते हैं, लेकिन वह आरएसएस/भाजपा की भाषा क्यों बोल रहे हैं?’’
‘बयानबाजी के करने की बजाय लड़ें अध्यक्ष पद का चुनाव’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने सिब्बल पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बयानबाजी करने की बजाय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहिए। खेड़ा ने कहा, ‘‘कपिल सिब्बल, डॉक्टर हर्षवर्धन ने आपसे नहीं कहा था कि चांदनी चौक से अलग हो जाइए। वह चुनाव लड़े और आपको पराजित किया। जो लोग कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहते हैं वह मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बोलने की बजाय पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।’’ खेड़ा का संकेत दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हर्षवर्धन द्वारा सिब्बल को पराजित किए जाने की ओर था।
सीएम अशोक गहलोत ने सिखाया एबीसीडी का पाठ
कपिल सिब्बल के बयान को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने सिब्बल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कपिल सिब्बल वो व्यक्ति नहीं हैं जो कांग्रेस की संस्कृति से आते हैं। वो एक नामी वकील हैं जिन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Sonia Gandhib And Rahul Gandhi) ने उन्हें बहुत मौके दिए हैं। गहलोत ने आगे कहा कि कपिल सिब्बल से जैसे आदमी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती जो कांग्रेस का एबीसी भी न जानता हो।
ममता ने कांग्रेस पर साधा निशाना तो अधीर रंजन ने कहा-हमारे पास 700 विधायक
कांग्रेस की पांच राज्यों में हार के बाद सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने भी पार्टी पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि अब हमें कांग्रेस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। वह पार्टी हर जगह हार रही है, ऐसे में अब उन्हें जीतने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। इस बयान के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) ने भी ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ममता भाजपा की एजेंट हैं। कांग्रेस के पास पूरे भारत में 700 विधायक हैं। दीदी के पास क्या है? कांग्रेस के पास 20 प्रतिशत वोट शेयर है, उनके पास क्या है? वह भाजपा को खुश करने का काम कर रही हैं।
गांधी परिवार कांग्रेस की प्राणवायु- रागिनी नायक
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक (Ragini Nayak) ने कहा, ‘‘गांधी परिवार कांग्रेस की प्राणवायु है। गांधी परिवार ने अपने संघर्ष और खून-पसीने से इस देश को बनाया है और नैतिक मूल्यों को बढ़ाया है…कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गांधी परिवार के नेतृत्व में अपने आप को मजबूत पाता है।’’
आपको बता दें कि कांग्रेस के जी 23 समूह (G23 Group) के सदस्य सिब्बल ने यह टिप्पणी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दो दिनों बाद की। सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।