सच हो रही है कंगना की भविष्यवाणी
कंगना उस वीडियो में कहती हैं कि हमारे इतिहास में झांक लीजिए, जिसने भी नारी का अपमान किया, उसका पतन निश्चित हुआ है। वो आगे कहती हैं, ‘इतिहास साक्षी है। रावण ने सीता का और कौरव ने द्रौपदी का अपमान किया। मैं उन देवियों के पांव के धूल के बराबर भी नहीं हूं। लेकिन मैं भी एक महिला हूं। मैं अपने सम्मान के लिए खड़ा होती है। मैंने किसी का कोई नुकसान नहीं किया है। मैं एक महिला होने के नाते सिर्फ अपने सम्मान की रक्षा करती हूं। लेकिन मेरा अपमान किया गया। इसलिए मैंने जैसा कि वीडियो मेसेज में कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि जब आप एक महिला का अपमान करता है तो आपका विनाश कोई टाल नहीं सकता है।’
उद्धव सरकार ने नवनीत राणा पर किया राजद्रोह का मुकदमा
एक यूजर ने नवनीत राणा और कंगना रनौत की तस्वीरों के साथ लिखा कि उद्धव सरकार को उसके किए की सजा मिल रही है। उन्होंने लिखा, ‘मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने के एलान करने मात्र से नवनीत राणा पर राजद्रोह का मुकदमा, सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर कंगना रनौत के घर पर बुल्डोजर चलवाना… इन कर्मों का फल मिल रहा है।’
घर तोड़ने वाले, एक दिन घमंड टूटेगा…
ट्विटर यूजर @HarshalBadiyani ने कंगना रनौत के साथ उद्धव ठाकरे की तस्वीर शेयर की है। उसमें लिखा है कि मेरा घर तोड़ने वाले, एक दिन तुम्हारा घमंड टूटेगा।
उद्धव सरकार के बुरे कदमों पर हो रही थू-थू
बहुत से लोग ट्विटर पर महाराष्ट्र सरकार के दौरान हुई कुछ दुखद घटनाओं की तस्वीरों कोलाज बनाकर ट्वीट कर रहे हैं। उनमें महाराष्ट्र पुलिस से जान बचाने के लिए गुहार लगाते साधुओं, नेवी से पूर्व अफसर की पिटाई के बाद के हालात वाली तस्वीरें शामिल हैं। इन तस्वीरों के जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि उद्धव ठाकरे का शासन न्यायपूर्ण नहीं था और सरकार एकतरफा कार्रवाइयां कर रही थी। इसलिए उसे जाना ही चाहिए।
शिंदे की बगावत से संकट में उद्धव सरकार
ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के विधायक और सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे ने ही बगावत कर दी है। उनकी अगुवाई में शिवसेना के दो-तिहाई से ज्यादा विधायक असम के गुवाहाटी स्थित रेडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन सरकार चलाते-चलाते शिवसेना हिंदुत्व के अपने असली एजेंडे से भटक गई है। इस बगावत ने उद्धव सरकार की रीढ़ तोड़ दी है और अब उसका टिक पाना असंभव सा लग रहा है। ऐसे में आलोचकों पर की गई उद्धव सरकार की कथित एकतरफा और अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों को कुरेदा जा रहा है।