अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी। कोरबिन भारत के प्रति असीमित द्वेष रखने के लिए जाने जाते हैं, वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं। राहुल गांधी को आखिरकार उनका वो विदेशी साथी मिल गया है जो उनकी तरह खुलकर भारत को बदनाम करता है।
वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पहले की मुलाकातों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से मुलाकात नहीं करनी है तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट कर देना चाहिए।
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से भारत के नेता पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे। राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है जिसकी राय हमसे अलग है। यदि मुलाकात करने का यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों खिंचवाई। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की। क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी जिसके हमसे अलग विचार हों।
वहीं कर्नाटक बीजेपी की ओर से भी इस तस्वीर को शेयर कर निशाना साधा गया है। बीजेपी की ओर से कहा गया है कि भारत का पुरजोर विरोध करने वाले, कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने वाले, हिंदू विरोधी के साथ कांग्रेस के मालिक और वायनाड के सांसद क्या कर रहे हैं। क्या वह एक और Toolkit से भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी यह फोटो शेयर कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
कोरबिन और राहुल गांधी के साथ तस्वीर में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा भी नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं जहां वह सोमवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक संवाद सत्र में भी शामिल हुए थे।