गीतकार जावेद अख्तर विवादित मसलों पर बोलने के लिए जाने जाते हैं। फैबइंडिया के ऐड पर मचे हालिया विवाद पर भी उनका बयान आया है। कपड़ों की बिक्री करने वाले फैशन ब्रांड के इस ऐड में दिवाली को ‘जश्न-ए-रिवाज’ बताया गया था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। अख्तर ने इस तरह की प्रतिक्रिया को अजीब बताया है। विज्ञापन पर बवाल मचने के बाद रिटेल कंपनी ने इसे वापस ले लिया था।
क्या है पूरा मामला?
बात 9 अक्टूबर की है। फैबइंडिया ने एक प्रमोशनल ट्वीट किया था। इसमें मॉडल्स को दिवाली कलेक्शन से जुड़े कपड़ों को पहने हुए दिखाया गया था। फैशन ब्रांड ने अपने ट्वीट में लिखा था- ‘प्रेम और रोशनी के त्योहार के स्वागत के साथ फैबइंडिया का जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा क्लेक्शन है जो भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को दिखाता है।’
शुरू हुआ विरोध तो हटाया पोस्ट
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दिवाली के लिए जश्न-ए-रिवाज शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी। ऐसा करने वालों में बीजेपी के नेता और बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या भी शामिल थे। सूर्या ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘दीपावली पर्व जश्न-ए-रिवाज नहीं है। हिंदू त्योहारों को जानबूझकर अब्राहमीकरण किया जा रहा है। मॉडल्स भी पारंपरिक हिंदू कपड़ों में नहीं हैं। इसका विरोध और बहिष्कार होना चाहिए। फैबइंडिया जैसी किसी भी ब्रांड को ऐसी हरकत के लिए आर्थिक नुकसान झेलना चाहिए।’
देखते ही देखते ट्विटर पर बायकॉट फैबइंडिया मुहिम चल पड़ी थी। विवाद बढ़ता देख फैबइंडिया ने ऐड से जुड़ा अपना पोस्ट हटा लिया था। उसने सफाई भी दी थी। उसने कहा था कि जश्न-ए-रिवाज उसका दिवाली कलेक्शन नहीं है। त्योहार के लिए उसकी क्लोदिंग लाइन को ‘झिलमिल सी दीवाली’ कहा जाएगा।
डाबर ने भी वापस लिया था ऐड
अख्तर का यह ट्वीट एक अन्य ब्रांड डाबर की ओर से करवा चौथ का त्योहार मनाने वाले एक समलैंगिक जोड़े के विज्ञापन को वापस लेने के तीन दिन बाद आया है। त्योहार से एक दिन पहले 23 अक्टूबर को रिलीज हुए इस ऐड को मध्य प्रदेश सरकार की कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के बाद वापस ले लिया गया था।