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INS Vikrant News: Why Indian Navy’s First Home-built aircraft career is special, PM Modi Tells All Specifications


आईएनएस विक्रांत युद्धपोत से कहीं बढ़कर है। यह तैरता हुआ एयरफील्‍ड है, तैरता हुआ शहर है। शुक्रवार को भारतीय नौसेना के नए ‘बाहुबली’ से रूबरू कराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही कहा। वह कोच्चि में आईएनएस विक्रांत को नौसेना में कमिशन कराने पहुंचे थे। मोदी ने आईएनएस विक्रांत की खूबियां भी गिनाई और भारत की ऐतिहासिक विरासत से भी परिचित कराया। पीएम ने कहा वेदों और पुरातन शास्‍त्रों में अलग-अलग प्रकार की नावों के बारे में बताया गया है। छत्रपति शिवाजी के समुद्री सामर्थ्‍य का जिक्र करते हुए मोदी ब्रिटिश राज तक आए। बकौल मोदी, ‘INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है।’ पढ़‍िए मोदी के हवाले से आईएनएस विक्रांत की खासियतें।

जब मोदी ने सुनाए नौकाओं, जहाजों के प्राचीन नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में कहा कि ‘हमारे यहां नौकाओं और जहाजों से जुड़े श्‍लोकों में बताया गया है…. हमारे शास्‍त्रों में कितना वर्णन है… मृगिका, तरुणीलोला, गत्‍वरा, गामिनी, जंगाला, प्‍लाविनी, धारिणी, वेगिनी… हमारे यहां जहाजों और नौकाओं के अलग-अलग आकार और प्रकार होते थे। हमारे वेदों में भी नौकाओं और जहाजों और समुद्र से जुड़े कितने ही मंत्र आते हैं। वेदिक काल से लेकर गुप्‍त काल और मौर्य काल तक, भारत के समुद्री सामर्थ्‍य का डंका पूरे विश्‍व में बजता था।

दुश्‍मनों की नींद उड़ाकर रखती थी शिवाजी की नौसेना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह आईएनएस विक्रांत को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी को समर्पित करते हैं। मोदी ने कहा, ‘छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए। ‘

खतरनाक हथियारों से लैस; ऐसा है भारत का ‘तैरता किला’

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‘सबकुछ स्‍वदेशी, तैरता हुआ शहर है आईएनएस विक्रांत’

पीएम मोदी ने कहा कि INS विक्रांत स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है। पीएम ने कहा कि ‘यह युद्धपोत से ज्‍यादा तैरता हुआ एयरफील्‍ड है, यह तैरता हुआ शहर है।’

‘कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं INS विक्रांत में लगे तार’

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पीएम मोदी ने बताया कि ‘आईएनएस विक्रांत में जितनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रोशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फील्‍ से बड़ा है। इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं।’

2600+KM लंबे केबल्‍स, 15 मंजिला इमारत है INS विक्रांत

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आईएनएस विक्रांत को बनाने में 21 हजार टन से ज्यादा स्‍पेशल ग्रेड स्टील का इस्तेमाल हुआ है। इसमें 2,600 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इलेक्ट्रिक केबल्‍स लगे हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर पर 150 किलोमीटर से ज्‍यादा लंबी पाइपलाइन बिछी है। आईएनएस विक्रांत की इसकी ऊंचाई 61.6 मीटर है यानी यह करीब 15 मंजिला इमारत जितना है। 262.5 मीटर लंबे आईएनएस विक्रांत पर 1600 क्रू मेंबर आराम से रह सकते हैं। वैसे विक्रांत पर 2,300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। फिलहाल आईएनएस विक्रांत पर MiG-29K लड़ाकू विमान और केए-31 हेलिकॉप्‍टर्स का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा।



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By admin