दीप्ति को शामिल करना तालिबान के लिए स्पष्ट संकेत
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भेजी गई टीम की अगुवाई ज्वाइंट सेक्रेटेरी जेपी सिंह ने की। जेपी सिंह ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात की और भारत की तरफ से भेजी गई मानवीय सहायता के बारे में चर्चा की। टीम में सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भारत की मदद से चलाए जा रहे बच्चों के अस्पताल और वाटर प्लांट का भी दौरा किया। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि टीम में महिला राजनयिक का शामिल होना तालिबान के लिए एक स्पष्ट संकेत था कि जीवन के सभी पहलुओं में अफगान महिलाओं और बच्चों को शामिल करना सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई तस्वीरों में तालिबान नेताओं के साथ दीप्ति झारवाल साथ खड़े हुए देखी गईं। हालांकि एक तस्वीर को छोड़कर बाकी सभी तस्वीरों में वह मास्क के साथ दिखाई दीं। इसमें एक बात और रोचक रही कि तालिबान की तरफ से जारी की गई तस्वीरों में दीप्ति झालवार नदारद रहीं।
कौन हैं दीप्ति झारवाल
IFS अफसर दीप्ति झारवाल विदेश मंत्रालय के महत्वपूर्ण पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डिवीजन में अफगानिस्तान के लिए डेस्क अधिकारी हैं। दीप्ति अफगान लोगों के लिए भारत की मानवीय सहायता के वितरण का आकलन करने के लिए गुरुवार को काबुल भेजी गई छोटी टीम में थीं। झारवाल इससे पहले इटली में भारतीय दूतावास में भी काम कर चुकी हैं।