Sindhu Dhara

समाज की पहचान # सिंध की उत्पति एवं इतिहास<> सिंधी भाषा का ज्ञान <> प्रेणादायक,ज्ञानवर्धक,मनोरंजक कहानिया/ प्रसंग (on youtube channel)<>  सिंधी समाज के लिए,वैवाहिक सेवाएँ <> सिंधी समाज के समाचार और हलचल <>


नई दिल्ली
इंडियन आर्मी में महिला अधिकारियों की परमानेंट कमिशन की लड़ाई अब भी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आर्मी ने 615 महिला अधिकारियों के लिए परमानेंट कमिशन का स्पेशल बोर्ड बैठाया था, जिनमें से कई को परमानेंट कमिशन दे दिया गया है। लेकिन जिन महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन नहीं मिला है उनका आरोप है कि आर्मी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह पालन नहीं किया। आर्मी की 28 महिला अधिकारियों ने अब आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल से न्याय की गुहार की है। इन महिला अधिकारियों को आर्मी ने 12 सितंबर तक आर्मी छोड़ने का आदेश दिया है। कल यानी 23 अगस्त को आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में इसकी सुनवाई है।

एक महिला अधिकारी ने कहा कि आर्मी ने परमानेंट कमिशन देने में हमारी सर्विस के शुरू के पांच साल को ही कंसीडर किया और उस ग्राउंड पर परमानेंट कमिशन देने से मना कर दिया। जबकि ओवरऑल प्रोफाइल के हिसाब से कंसीडर किया जाना चाहिए था। हम आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में इसी अपील के साथ गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे रेकॉर्ड को देखते हुए हमें पहले पांच साल की सर्विस के बाद एक्सटेंशन मिला और फिर 10 साल की सर्विस के बाद एक्सटेंशन मिला। अगर हम सर्विस के लिए अनफिट होते तो यहां तक भी नहीं पहुंचते। जिन 28 महिला अधिकारियों ने आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में अपील की है उनमें से ज्यादातर की 20 साल से ज्यादा की सर्विस हो गई है।

Kalyan Singh: जब ढांचा विध्वंस के बाद कल्याण को हुई एक दिन की जेल और जेलर किरण बेदी ने कोर्ट से ही पूछा सवाल
महिला अधिकारी ने बताया कि 100 महिला अधिकारी हैं जिन्हें आर्मी ने परमानेंट कमिशन नहीं दिया है। 72 का रिजल्ट अलग अलग आधार पर रोका गया है और हम 28 महिला अधिकारियों को आर्मी छोड़ने के लिए 12 सितंबर का ही वक्त दिया गया है। उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को बोर्ड का रिजल्ट आया और आर्मी ने 15 जुलाई को हमें लेटर जारी कर दिया कि 12 सितंबर तक आर्मी छोड़ दें।

उन्होंने कहा कि आम तौर पर आर्मी में जब भी कोई रिटायर होने वाला होता है तो उसे इतना टाइम दिया जाता है कि वह आगे के लिए खुद को तैयार कर सके, कोई रीसेटलमेंट कोर्स कर सके ताकि आगे सेटल हो। लेकिन हमारे केस में ऐसा भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 10 साल से ज्यादा लंबी लड़ाई लड़ने के बाद कोर्ट के आदेश पर आर्मी महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन देने पर राजी हुई और अब भी पूरी तरह इंसाफ नहीं किया जा रहा है।

महान भारत…तालिबानी दरिंदों से बचकर आई बिटिया ने नम कर दीं सबकी आंखें

आर्मी ने पिछले महीने ही एक बयान जारी कर कहा कि 147 और महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन दिया गया है। पहले कोर्ट के आदेश के बाद ही आर्मी ने महिला अधिकारियों के लिए स्पेशल बोर्ड बैठाया था और परमानेंट कमिशन दिया था। कुछ महिला अधिकारी जो इस स्क्रीनिंग में बाहर हो गई थी, कोर्ट ने उनके मामले को फिर से देखने के निर्देश दिए। जिसके बाद 147 और महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन दिया गया। इस तरह कुल 615 महिला अधिकारियों को कंसीडर किया गया जिनमें से 424 को परमानेंट कमिशन दे दिया गया है। इंडियन आर्मी के मुताबिक जो महिला अधिकारी परमानेंट कमिशन के लिए कंसीडर की गई थी लेकिन सफल नहीं हुई, वह भी कम से कम बीस साल सर्विस पूरी करने पर पेंशन की हकदार होंगी।



Source link

By admin