हाइलाइट्स
- भारत-इजराइल मिलकर तय करेंगे रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा
- 1953 से मुंबई में इजराइल का वाणिज्य दूतावास कार्य कर रहा है
- भारत को कई हथियार प्रणाली और ड्रोन की सप्लाई कर चुका है इजरायल
विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह इजरायल के दौरे पर जा रहे हैं। इजरायल में नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद विदेश मंत्री का यह पहला दौरा है। इस दौरान जयशंकर राष्ट्रपति इसाक हर्जोग, प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और विदेशमंत्री यायिर लापिड सहित इजराइल के शीर्ष नेताओं से मिलेंगे।
नई सरकार का कैसा है मिजाज, भापेंगे जयशंकर
इजरायल में महज दो साल में ही पांच बार चुनाव हो चुके हैं। इसके बाद येश एतिद पार्टी के साथ मिलकर नई गठबंधन सरकार बनी है। समझौते के अनुसार साल 2023 में येश पार्टी के प्रमुख लापिड प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। चुनाव के बाद इजरायल में नई सरकार बनने के उसका भारत के प्रति क्या मिजाज है, जयशंकर के दौरे से यह अंदाजा लग जाएगा।
पिछली सरकार से उतार-चढ़ाव वाले थे संबंध
जयशंकर की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी सरकार का पिछली बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के साथ रिश्ता उतार-चढ़ाव वाला था। भारत-इजरायल संबंध काफी मजबूत रहे हैं। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार भारत के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनमें कृषि और जल शामिल हैं। इसमें इज़राइल भारत के प्रमुख कृषि भागीदारों में से एक बन गया है। सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में, भारत और इज़राइल एक साथ काम कर रहे हैं। भारत की सुरक्षा चुनौतियां पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध बढ़ गया है।
इजराइली की तरफ से दशहरा की शुभकामनाएं
विदेश मंत्री एस जयशंकर की इजराइल की अहम यात्रा से पहले, इजराइली विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को लोगों को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत ‘रणनीतिक साझेदार और करीबी मित्र’ है। राजदूत और इजराइली विदेश मंत्रालय में महानिदेशक एलन उशपिज ने विजयदशमी के अवसर पर भारत के लोगों को शुभकामनाएं देने के लिए ट्विटर का उपयोग किया।
पीएम मोदी दे चुके हैं इजरायली पीएम को न्योता
अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सरकार के सत्ता में आने के बाद अपने इजराइली समकक्ष बेनेट से बात की थी। दोनों देशों ने सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई थी। इसके साथ ही फैसला किया था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री भारत-इजराइल रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा तय करने के लिए काम करेंगे। इजराइल और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के अगले साल पूरे हो रहे 30 साल को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बेनेट को भारत यात्रा का न्योता दिया।
1992 में पूर्ण राजनयिक संबंध बने थे
इजराइल और भारत ने 29 जनवरी 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किया था। हालांकि, इससे पहले से ही वर्ष 1953 से मुंबई में इजराइल का वाणिज्य दूतावास कार्य कर रहा था। भारत इजराइली रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा खरीददार है। इजराइल ने गत कुछ सालों में भारत को कई हथियार प्रणाली और ड्रोन की आपूर्ति की है, लेकिन अधिकतर लेनदेन पर्दे के पीछे हुए।