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हाइलाइट्स

  • ‘अगर भारत ने अपने आर्म्ड फोर्सेज में निवेश नहीं किया होता तो हम गलवान हार जाते’
  • गलवान घाटी संघर्ष के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का कद ऊंचा हुआ है
  • दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उप सेना प्रमुख सीपी मोहंती ने कहीं ये बातें

नई दिल्ली
‘अगर भारत ने अपने आर्म्ड फोर्सेज में निवेश नहीं किया होता, तो देश गलवान और डोकलाम में लड़ाई हार गया होता।’ यह कहना है देश के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती का। उन्होंने कहा कि अगर देश ने सुरक्षा में निवेश नहीं किया होता, तो हम शायद करगिल, डोकलाम में युद्ध हार जाते। जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति भी उथल-पुथल वाली होती। हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र भी उथल-पुथल में होता और नक्सलियों के पास एक फील्ड डे होता।

‘गलवान संघर्ष के बाद भारत का कद ऊंचा हुआ’
भारतीय सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने रविवार को कहा कि डोकलाम प्रकरण और गलवान घाटी संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई भूमिका ने न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया बल्कि इससे वैश्विक स्तर पर भारत का कद ऊंचा हुआ है। एक कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने भारतीय सशस्त्र बलों के मूल चरित्र पर विस्तार से बात की और 1965 के युद्ध, 1971 के युद्ध तथा कारगिल संघर्ष के दौरान सुरक्षाबलों के प्रमुख योगदान पर प्रकाश डाला।

‘जल्द दुनिया की महाशक्तियों में गिना जाएगा भारत’
लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, ‘डोकलाम और गलवान में जो कुछ हुआ, उसने न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारा कद भी ऊंचा हुआ है। आज हर कोई भारत के बारे में एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता देश के रूप में बात करता है।’ विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (वीआईपीएस) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सेना उपप्रमुख ने कहा,’वह समय अब अधिक दूर नहीं है जब हमें भी दुनिया की महाशक्तियों में गिना जाएगा।’

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गलवान में भारत ने चीन को दिया था मुंहतोड़ जवाब
गौरतलब है कि 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था। इसके परिणामस्वरूप परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध की आशंका भी पैदा हो गई थी। डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क बनाने का भारत ने कड़ा विरोध किया था। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था। इसके बाद 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सेना ने शातिर चीनी सैनिकों के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया था।

Vice-Chief

उप सेना प्रमुख सीपी मोहंती



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