रिपोर्ट के अनुसार, सााल 2020 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 1,31,714 लोगों की जान गई। इसमें 3,48,279 लोग घायल हुए। रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 2019 की तुलना में 12.6 फीसदी कम थी।
रिपोर्ट के अनुसार 2020 के दौरान दुर्घटना की चपेट में आने वालों में 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा वयस्कों का हिस्सा 69 फीसदी था। वहीं, 18-60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी कुल सड़क दुर्घटनाओं में 87.4 फीसदी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं में शामिल गाड़ियों की श्रेणियों में, टूव्हीलर की संख्या 2020 के दौरान कुल हादसों और घातक घटनाओं में सबसे अधिक रही।
राज्य के मोर्चे पर, तमिलनाडु में 2020 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुईं। लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रही। रिपोर्ट में कहा गया, ‘2020 में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में उल्लेखनीय कमी दर्ज करने वाले प्रमुख राज्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल हैं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में 30.1 फीसदी मौतें और 26 प्रतिशत चोट की घटनाएं हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने के कारण हुईं। इसी तरह, 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और घायल होने की घटनाएं सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने के कारण हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दौरान 50 फीसदी से अधिक दुर्घटनाओं और मौतों के लिए 10 साल तक के गाड़ियों का योगदान रहा, इसके बाद 10-15 साल पुराने वाहनों (12.8 फीसदी) और 15 साल (12 फीसदी) से अधिक के वाहनों का स्थान है।