अधिकारी यूज करते हैं स्टेडियम, एडमिनिस्ट्रेटर को पता नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोच ने बताया कि हम पहले यहां 8 से 8:30 बजे तक ट्रेनिंग कराते थे। लेकिन, अब शाम के 7 बजते ही स्टेडियम छोड़ने के लिए कहा जाता है, ताकि अधिकारी कुत्ते को वहां टहला सकें। इस वजह से हमारी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रूटीन पर असर पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 7 दिनों में तीन दिन शाम 6:30 बजे देखा गया कि गार्ड सीटी बजाते हुए मैदान खाली करा रहे हैं। स्टेडियम के एडमिनिस्ट्रेटर अजीत चौधरी ने बताया कि शाम को खेल का आधिकारिक समय 4 से 6 बजे है, लेकिन ‘गर्मी को देखते हुए’ वे एथलीट्स को शाम 7 बजे तक ट्रेनिंग की अनुमति देते हैं। इसकी जानकारी नहीं है कि कोई सरकारी अधिकारी शाम 7 बजे के बाद स्टेडियम का इस्तेमाल कर रहे हैं। 7 बजे तक स्टेडियम बंद करना होता है। सरकारी कार्यालय का समय कहीं भी चेक कर सकते हैं।
विपक्षी नेताओं का तंज
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ट्विटर पर लिखा, आदरणीय उपराज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी- एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अपनी प्रशासनिक ताकत का दुरुपयोग कर खेल स्टेडियम को अपने कुत्ते के साथ सैर करने के लिए रोज आरक्षित करने का यह मामला बेहद गम्भीर है। कृपया, जांच करवा कर अधिकारी को निलंबित करें।
अब रात 10 बजे तक खुले रहेंगे स्टेडियम
इस खबर पर पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विरोधी पार्टियों के नेता दिल्ली सरकार को घेरने लगे। विपक्षी दलों के नेताओं ने भी दिल्ली सरकार के अधिकारी के खिलाफ एक्शन की मांग की। इस बीच सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर लिखा कि समाचार रिपोर्ट्स से पता चला है कि कुछ खेल सुविधाओं को जल्दी बंद किया जा रहा है। इससे खिलाड़ियों को देर रात तक खेलने में असुविधा हो रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार की सभी खेल सुविधाएं खिलाड़ियों के लिए रात 10 बजे तक खुली रहें।
यह मेरी नजर में आया था कि खिलाड़ियों को गर्मी की वजह से दिक़्कत हो रही है और स्टेडियम 6-7 बजे बंद हो जाता है। हम निर्देश जारी कर रहे हैं की सारी खेल सुविधाएं रात 10 बजे तक रहें और खिलाड़ी उसका इस्तेमाल कर सकें।
अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री
IAS अधिकारी ने क्या कहा?
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में संजीव खिरवार का बयान आया है। उन्होंने कहा कि मैं किसी एथलीट को स्टेडियम छोड़ने के लिए कभी नहीं कहूंगा। मैं स्टेडियम के बंद होने के बाद जाता हूं। हम उसे (डॉग) ट्रैक पर नहीं छोड़ते हैं। जब कोई आसपास नहीं होता, तो हम उसे छोड़ देते हैं, लेकिन किसी एथलीट की कीमत पर कभी नहीं। अगर, इसमें कुछ आपत्तिजनक है, तो मैं इसे रोक दूंगा।